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पटना : बाजार की जरूरत के अनुसार नहीं मिल रहे हैं फार्मासिस्ट
पटना : बिहार में प्रोफेशनल कोर्स की सबसे अधिक कमी फार्मेसी में बनी हुई है. बेरोजगारों की भीड़ में फार्मासिस्टों की कमी से प्रदेश गुजर रहा है. सिर्फ बिहार में जितने फार्मासिस्टोंकी आवश्यकता है, उतने फार्मासिस्ट राज्य के संस्थानों से पास उपलब्ध नहीं हैं. स्थिति यह है कि जैसे ही ड्रग एवं कॉस्मेटिक एक्ट को […]
पटना : बिहार में प्रोफेशनल कोर्स की सबसे अधिक कमी फार्मेसी में बनी हुई है. बेरोजगारों की भीड़ में फार्मासिस्टों की कमी से प्रदेश गुजर रहा है.
सिर्फ बिहार में जितने फार्मासिस्टोंकी आवश्यकता है, उतने फार्मासिस्ट राज्य के संस्थानों से पास उपलब्ध नहीं हैं. स्थिति यह है कि जैसे ही ड्रग एवं कॉस्मेटिक एक्ट को लागू करने की कोशिश की जाती है, दवा बाजार में तालाबंदी की नौबत हो जाती है. राज्य को वर्तमान में करीब 68 हजार फार्मासिस्टों की आवश्यकता है.
इसकी जगह सिर्फ 25 हजार 600 फार्मासिस्ट निबंधित हैं. स्थिति यह है कि बिहार फार्मेसी इंस्टीट्यूट,पटना और एमआइटी, मुजफ्फरपुर से सालाना 150 विद्यार्थियों का नामांकन होता है. सरकारी क्षेत्र में कहीं भी एम फार्मा की पढ़ाई नहीं होती है. राज्य में करीब 45 हजार दवा दुकानें निबंधित हैं. इसके अलावा राज्य सरकार को अपने अस्पतालों में दवाओं के वितरण और उसके रखरखाव के लिए करीब 23 हजार फार्मासिस्टों की आवश्यकता है. इस प्रकार पूरे प्रदेश में दवा दुकानों के संचालन के लिए करीब 68 हजार फार्मासिस्टों की आवश्यकता है.
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