पटना : समाज कल्याण मंत्री रामसेवक सिंह की फटकार के बाद भी आंगनबाड़ी केंद्रों की हालत नहीं सुधरी है. मंत्री के सख्त निर्देश के बाद सभी सीडीपीओ ने दावा किया था कि पूरे प्रदेश में सभी आंगनबाड़ी केंद्र समय से खुल रहे हैं. प्रभात खबर ने शुक्रवार को इसकी पड़ताल की, तो सीडीपीओ के सभी […]
पटना : समाज कल्याण मंत्री रामसेवक सिंह की फटकार के बाद भी आंगनबाड़ी केंद्रों की हालत नहीं सुधरी है. मंत्री के सख्त निर्देश के बाद सभी सीडीपीओ ने दावा किया था कि पूरे प्रदेश में सभी आंगनबाड़ी केंद्र समय से खुल रहे हैं. प्रभात खबर ने शुक्रवार को इसकी पड़ताल की, तो सीडीपीओ के सभी दावे हवा साबित हुए. पटना के आधा दर्जन आंगनबाड़ी केंद्रों का जायजा लिया गया तो दिखा कि एक-दो को छोड़कर किसी सेंटर पर बच्चाें की उपस्थिति नहीं है. शुक्रवार को अंडा मिलने का दिन होने के बावजूद कहीं भी अंडे नहीं बांटे गये. पोषाहार केंद्रों पर खाना बनाने की जगह नहीं थी. शुद्ध पानी और शौचालय की भी व्यवस्था नहीं थी.
शुक्रवार को मिलना था अंडा, पर कहीं पोषाहार नहीं, तो कहीं बच्चे नदारद
सेंटर कोड 54
जनजीवन नगर
बच्चों को टीका देने के लिए एक महिला बैठी थीं. तीन-चार बच्चे भी थे. सेविका रेखा ने कहा की यहां 50 बच्चे हैं. पर उस वक्त उनमें से कोई बच्चा नहीं था. सहायिका 2017 से नहीं हैं. पोषाहार के बारे में सेविका ने बताया कि अभी बनेगा.
गर्दनीबाग
सेंटर कोड 77
सेविका कविता अकेले थीं. कहा कि सहायिका बच्चों को बुलाने गयी हैं. आज तो अंडा देना है? कहा-हां, बस उबालना है. पर अंडा दिखाने के सवाल पर चुप हो गयीं. कहा कि जाकर ले आती हूं. उस वक्त तक वहां बच्चे नहीं थे.
शेखपुरा बगीचा
सेंटर कोड 49
सेविका नेहा देवी बच्चों को कलर पहचानना सिखा रही थीं. सेंटर पर 18 बच्चे थे. पोषाहार में चावल बन रहा था. उनसे पूछा कि अंडा नहीं देंगी, तो सेविका ने कहा कि इस माह का पोषाहार नहीं आया है, इसलिए आज अंडा नहीं देंगे.
सरकार सख्त
246 सीडीपीओ की एक वेतनवृद्धि रोकी
समाज कल्याण विभाग ने 246 सीडीपीओ की एक वेतनवृद्धि पर रोक लगा दी है. इन पर आंगनबाड़ी केंद्रों पर नियमित पोषाहार का अप्रैल-मई में वितरण नहीं करने का आरोप है. समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक विजय रंजन ने कहा कि पोषाहार को किसी भी हाल में नहीं रोकना है. बावजूद इसके सीडीपीओ के स्तर से लापरवाही की गयी है. पहले इन सभी से स्पष्टीकरण मांगा गया था. जवाब संतोषजनक नहीं होने पर इनकी एक वेतनवृद्धि पर रोक लगायी गयी है.