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संकट टला : बालू घाटों की पुरानी बंदोबस्ती की अवधि 10 माह बढ़ी

कैबिनेट के फैसले. लीज के शुल्क में 50% की वृद्धि कर अवधि विस्तार पटना : एक जनवरी से बालू खनन बंद होने और राज्य में बालू की किल्लत होने की आशंका दूर हो गयी है. राज्य सरकार ने बालू घाटों के पुराने बंदोबस्तधारियों के लीज की अवधि को 31 अक्तूबर, 2020 तक बढ़ा दिया है. […]

कैबिनेट के फैसले. लीज के शुल्क में 50% की वृद्धि कर अवधि विस्तार

पटना : एक जनवरी से बालू खनन बंद होने और राज्य में बालू की किल्लत होने की आशंका दूर हो गयी है. राज्य सरकार ने बालू घाटों के पुराने बंदोबस्तधारियों के लीज की अवधि को 31 अक्तूबर, 2020 तक बढ़ा दिया है. शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में राज्य कैबिनेट की हुई बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी. वर्तमान लीज के शुल्क में 50 फीसदी की वृद्धि कर इसकी अवधि को विस्तारित करने पर सहमति दी गयी.

बालू घाटों की बंदोबस्ती की अवधि 31 दिसंबर, 2019 को समाप्त हो रही है. कैबिनेट ने स्पष्ट किया है कि अवधि का विस्तार 31 अक्तूबर, 2020 अथवा नये बंदोबस्तधारियों को पर्यावरण स्वीकृति जारी होने में जो भी पहले हो, उस अवधि तक शुल्क वृद्धि के साथ लीज की स्वीकृति दी गयी है. मंत्रिमंडल सचिवालय के विशेष सचिव उपेंद्र नाथ पांडेय ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में कुल 21 एजेंडों की स्वीकृति दी गयी. इनमें 15 डॉक्टरों की बर्खास्तगी पर मुहर भी शामिल है.

मालूम हो कि नयी बालू नीति के तहत नदी घाटों की बंदोबस्ती प्रक्रिया चल रही थी. पहले चरण में 13 जिलों के नदी घाटों की बंदोबस्ती होनी थी, लेकिन नदी घाटों के नये बंदोबस्तधारी पर्यावरणीय स्वीकृति मिलने के बाद बालू खनन की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं. ऐसे में एक जनवरी से बालू खनन बंद होने और राज्य में बालू संकट पैदा होने की आशंका थी.

31 दिसंबर को समाप्त हो रही थी पुरानी बंदोबस्ती की अवधि

15 डॉक्टरों की बर्खास्तगी पर मुहर

डाॅ वीरेंद्र कुमार चौधरी, मशरख पीएचसी, सारण

डाॅ संतोष कुमार, सदर अस्पताल,शेखपुरा

डाॅ प्रकाश कुमार सिंह, गोगरी एपीएचसी, शेखपुरा

डाॅ प्रेम शंकर, मल्हीपुर, साहेबपुरकमाल एपीएचसी, बेगूसराय

डाॅ विजय कुमार, हिलसा पीएचसी, नालंदा

डाॅ अनिल कुमार, अरियारी पीएचसी, शेखपुरा

डाॅ निलेश कुमार, बिरौल पीएचसी, दरभंगा

डाॅ प्रभाष कुमार, मशरक एपीएचसी,सारण

डाॅ मो तौफिक अहमद, कोरैया एपीएचसी

डाॅ मो अमानुल्लाह, गंगोई एपीएचसी

डाॅ जयनाराण प्रसाद, सदर अस्पताल, छपरा

डाॅ इंद्रदेव सिंह, खखई एपीएचसी, सुपौल

डाॅ महेश प्रसाद पासवान, सरायगढ़ पीएचसी

डाॅ मनींद्र कुमार सिंह, भवानीपुर बरारी एपीएचसी, कटिहार

डाॅ उपेंद्र प्रसाद मंडल, भवानीपुर पीएचसी, पूर्णिया

अन्य फैसले

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एनजीटी की रोक की वजह से बालू घाटों की नयी बंदोबस्ती में हुई देरी

नयी बालू नीति के तहत नदी घाटों की बंदोबस्ती प्रक्रिया पर एनजीटी ने रोक लगा दी थी. 12 दिसंबर को अपने निर्णय में एनजीटी ने नयी बालू नीति को सही मानते हुए इसके अनुसार बंदोबस्ती प्रक्रिया जारी रखने का आदेश दिया. इससे कुछ ही जिलों के नदी घाटों की बंदोबस्ती 31 दिसंबर तक पूरी नहीं हो पायी. इसके बाद सिया से पर्यावरणीय स्वीकृति मिलने के बाद ही बालू खनन शुरू हो सकता है. इसलिए सरकार ने पुरानी बंदोबस्ती की अवधि बढ़ाने का निर्णय लिया.

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