पटना : राज्य सरकार ने लंबित पड़े कोर्ट केस की संख्या को कम करने के लिए अनुमंडल स्तर पर रेगुलर कोर्ट के गठन का निर्णय लिया है. इनमें बांका, किशनगंज और मधेपुरा में अनुमंडल स्तर पर कोर्ट गठित करने का प्रस्ताव अंतिम चरण में है. इनमें मधेपुरा के उदाकिशुनगंज में स्थल के चयन का काम तकरीबन पूरा हो गया है. शेष स्थानों पर इसके लिए काम तेजी से चल रहा है.
संबंधित जिलों को स्थल चयन कर जल्द प्रस्ताव भेजने के लिए कहा गया है. कुछ दिनों पहले इस प्रस्ताव को अंतिम रूप देने के लिए मुख्य सचिव के स्तर पर बैठक भी हुई थी. अनुमंडल स्तरीय कोर्ट के गठन के इस प्रस्ताव पर राज्य सरकार के स्तर पर अंतिम स्तर पर मंथन चल रहा है. इस प्रस्ताव को पूरी तरह से तैयारी करने के बाद इस पर अनुमति लेने के लिए हाइकोर्ट को भेजा जायेगा. वहां से अनुमति मिलने के बाद इसे कैबिनेट से पास कराया जायेगा. तब इन कोर्ट को गठित करने की प्रक्रिया जमीन स्तर पर शुरू की जायेगी. इस प्रक्रिया में बहुत समय नहीं लगने की संभावना जतायी जा रही है.
राज्य में लंबित पड़े मामलों की संख्या करीब डेढ़ लाख है. इनकी संख्या कम करने के लिए सभी अनुमंडल स्तर पर कोर्ट गठित करने का प्रावधान है.
इसी के तहत यह कवायद की जा रही है. अनुमंडल स्तर पर गठित कोर्ट विशेष न्यायालय से अलग होंगे. हाल में राज्य सरकार ने शराबबंदी कानून से जुड़े मामलों की सुनवाई करने के लिए 75 विशेष कोर्ट का गठन किया है. शराबबंदी कानून में लंबित मामलों की संख्या दो लाख से ज्यादा है. इनकी त्वरित सुनवाई करने के लिए इन विशेष कोर्ट का गठन किया गया है, परंतु अनुमंडल स्तर पर गठित होने वाले कोर्ट में अन्य सभी तरह के मामलों की सुनवाई की जायेगी.