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लापरवाही नहीं छोड़ी, तो निगरानी को जनता के सामने करेंगे बेनकाब

पटना: पटना हाइकोर्ट ने निगरानी ब्यूरो को कड़ी फटकार लगायी और चेतावनी दी कि पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नेफ्रोलोजी विभाग में दवा खरीद के मामले में वह लापरवाही बरतने से बाज नहीं आया, तो उसे पब्लिक के सामने बेनकाब किया जायेगा. इस मामले में पीएमसीएच के तत्कालीन स्टोर इंचार्ज व उपाधीक्षक डॉ रंजन कुमार […]

पटना: पटना हाइकोर्ट ने निगरानी ब्यूरो को कड़ी फटकार लगायी और चेतावनी दी कि पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नेफ्रोलोजी विभाग में दवा खरीद के मामले में वह लापरवाही बरतने से बाज नहीं आया, तो उसे पब्लिक के सामने बेनकाब किया जायेगा.

इस मामले में पीएमसीएच के तत्कालीन स्टोर इंचार्ज व उपाधीक्षक डॉ रंजन कुमार सिंह को गिरफ्तार नहीं किये जाने को लेकर कोर्ट ने कहा कि निगरानी अपने काम में लापरवाह बरत रहा है. न्यायाधीश वीएन सिन्हा और पीके झा के खंडपीठ ने कहा कि निगरानी ब्यूरो आरोपितों को पकड़ने और छोड़ने में पिक एंड चूज कर रहा है.

कोर्ट ने निगरानी ब्यूरो से कहा कि वह दवा खरीद मामले में डॉ रंजन कुमार सिंह की भूमिका के बारे में विस्तार से बताये. विकास चंद्र उर्फ गुड्डू बाबा की लोकहित याचिका की सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने कहा कि एक महीने में दवा खरीद मामले में अब तक की गयी कार्रवाई की विस्तार से रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा है. खंडपीठ ने कहा कि इस केस में छह आरोपित थे, जिनमें तीन को छोड़ दिया गया. इनमें एक उपाधीक्षक डॉ रंजन कुमार सिंह भी थे. इन्हें स्टोर का इंचार्ज भी बनाया गया था. इसके पहले की सुनवाई के में कोर्ट ने सभी आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. कोर्ट की फटकार के बाद ही 25 सितंबर, 2013 को इस मामले में निगरानी ब्यूरो ने प्राथमिकी दर्ज की थी. 2008-09 और 2009-10 में नेफ्र ोलोजी विभाग में करीब दो करोड़ रुपये की दवा खरीद हुई थी.

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