पटना : राजधानी का वायु प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है. इसके कारण लोग अक्सर खांसते दिख जाते हैं. लेकिन, नगर निगम इससे बेपरवाह आंख मूंद कर बैठा है. बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने प्रदूषण की रोकथाम को लेकर नगर निगम को गाइडलाइन भी जारी की है. इस गाइडलाइन के तहत निगम को सड़कों पर रखे बिल्डिंग मेटेरियल को जब्त करना, कोयला व गोइठा से धुआं फैलाने वालों पर कार्रवाई, सड़कों की पानी से सफाई, निर्माणाधीन भवनों को ढक कर निर्माण कराना, कचरा जलाने पर रोक आदि सुनिश्चित करना है. इनमें से सिर्फ स्वीपिंग मशीन के माध्यम से रात में सड़कों की सफाई कर निगम निश्चिंत बैठा है. यह सुस्ती तब है, जब प्रदूषण के खतरे को देखते हुए विशेष अभियान के लिए अंचल स्तर पर 70 कर्मियों का टास्क फोर्स कार्यरत है.
सिर्फ दो-चार दिन पानी से हुई सड़कों की सफाई : विभागीय निर्देश के शुरुआती दिनों में ही दो-चार दिन पानी से सड़कों की सफाई की गयी. बेली रोड, बोरिंग कैनाल रोड, आयकर गोलंबर, न्यू डाकबंगला रोड पर पानी छिड़का गया. इसके बाद पानी छिड़कने का काम बंद हो गया है. अब दिन भर सड़कों पर धूल उड़ती रहती है.
एक दिन भी नहीं की गयी कार्रवाई
निगम क्षेत्र के हर मुहल्ले की मुख्य सड़कें और गलियों में आम लोगों के साथ साथ कारोबारियों का बिल्डिंग मेटेरियल रखा है. लेकिन, इनके खिलाफ निगम की ओर से एक दिन भी कार्रवाई नहीं की गयी है. स्थित यह है कि दानापुर-गांधी मैदान रोड, न्यू बाइपास के सर्विस लेन, सिपारा, गर्दनीबाग, कुम्हरार, वाचस्पति नगर, कांटी फैक्टरी रोड आदि इलाकों में दिन-रात गिट्टी-बालू लोड व अनलोड होते रहता है.
निर्माण एजेंसियों पर कार्रवाई नहीं
शहर में मीठापुर बस स्टैंड रोड पर फ्लाइ ओवर और सड़क, आर ब्लॉक-दीघा फोर लेन, आर-ब्लॉक पर फ्लाइ ओवर, स्मार्ट रोड आदि कार्य किये जा रहे हैं. लेकिन, निर्माण एजेंसियां नियमानुसार रोजाना सड़कों पर पानी नहीं छिड़कती हैं. स्थिति यह है कि इन सड़कों पर धूल की वजह से शहरवासियों को आना-जाना मुश्किल है.
अब भी जलाये जा रहे कोयला और गोइठा
बड़ी संख्या में फुटपाथी फास्ट फूड दुकानदार कोयला व गोइठा का उपयोग करते हैं, जिनसे काफी धुआं निकलता है. इसको लेकर प्रशासन की ओर से एलपीजी सिलिंडर का वितरण भी किया गया. लेकिन, अब भी बोरिंग कैनाल रोड हो या फिर राजधानी के हर चौक-चौराहों पर कोयला व गोइठा जलाये जा रहे हैं.