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पटना : हर रात 15 हजार ट्रकचालकों की परीक्षा

दीघा छोर के चढ़ाव व सोनपुर सिरे के ढलान को पार करना चुनौती पटना : 20 नवंबर की मध्य रात्रि से जेपी सेतु से भारी ट्रकों और मालवाहक वाहनों का आवागमन शुरू हो जायेगा. उत्तर बिहार जाने वाले निर्माण सामग्री से भरे भारी मालवाहक वाहन पुल से होकर जायेंगे और खाली ट्रक गांधी सेतु से […]

दीघा छोर के चढ़ाव व सोनपुर सिरे के ढलान को पार करना चुनौती
पटना : 20 नवंबर की मध्य रात्रि से जेपी सेतु से भारी ट्रकों और मालवाहक वाहनों का आवागमन शुरू हो जायेगा. उत्तर बिहार जाने वाले निर्माण सामग्री से भरे भारी मालवाहक वाहन पुल से होकर जायेंगे और खाली ट्रक गांधी सेतु से वापस आयेंगे.
लेकिन 12-15 टन बालू, गिट्टी, सीमेंट, सरिया या अन्य निर्माण सामग्री लादे ट्रकों के लिए जेपी सेतु पहुंच पथ के दीघा छोर की ऊंची चढ़ाई और पुल पार करने के बाद सोनपुर सिरे की ढलान को पार करना आसान नहीं होगा. पुल को पार करते समय चालकों को न केवल बहुत सावधानी बरतनी पड़ेगी बल्कि गति भी बहुत धीमी रखनी होगी. ऐसे में सात घंटे की अवधि में 15 हजार ट्रकों के लिए पुल पार करना संभव नहीं हो पायेगा और दुर्घटना हो गयी तो भीषण जाम लग जायेगा.
रात 10 से सुबह 5 बजे तक ही जेपी सेतु पर ट्रकों को अनुमति : प्रशासन ने शहर में जाम लगने की आशंका को खत्म करने के लिए रात 10 से सुबह पांच बजे तक ही जेपी सेतु से भारी वाहनों को जाने की अनुमति दी है.
दो बजे रात से पटना शहर में गाड़ियों का प्रवेश बंद कर दिया जायेगा, ताकि सभी भारी वाहन जेपी सेतु से सुबह पांच बजे से पहले ही पास करा दिया जाये. लेकिन पुल पर ट्रक पलट गयी या फंस गयी तो यह संभव नहीं हो पायेगा. सुबह पांच बजे के बाद भी शहर की सड़कों पर ट्रक दौड़ेंगे, जिससे आने जाने वाले लोगों को परेशानी होगी और रह रह कर जाम लगेगा. हालांकि इसके लिएजिले में छह चेक प्वाइंट भी बनाये गये हैं.
दानापुर होते हुए जेपी सेतु पार करने से बढ़ेगा खर्च
जेपी सेतु पर भारी वाहनों के लिए वन-वे ट्रैफिक होगा. सभी बड़े वाहन दानापुर होते हुए जेपी सेतु को पार करेंगे. दानापुर जाने के लिए उनके पास बेली रोड और न्यू बाइपास दो विकल्प होंगे. न्यू बाइपास से होकर जाने वाले वाहन अनिसाबाद गोलंबर, फुलवारी, खगौल होते हुए जेपी सेतु पर चढ़ेंगे जबकि बेली रोड से वाहन दीघा होकर जेपी सेतु पर पहुंचेंगे. दोनों ही रूट में वाहन चालकों को गंगा पार पहुंचने के लिए दोगुना से भी अधिक दूरी तय करनी पड़ेगी, जिससे उनका खर्च बढ़ेगा.
गांधी सेतु से ही निर्माण सामग्री वाले भारी वाहनों के पटना की ओर आने पर रोक नहीं लगी है बल्कि कोईलवर पुल से भी 20 नवंबर से पटना से आरा की ओर बड़े वाहनों का परिचालन बंद हो जायेगा. बिहटा से कोईलवर की ओर जाने वाली ट्रकों को शाहपुर पुल से अरवल होकर भेजा जायेगा. हालांकि आरा से कोईलवर पुल होते हुए बड़े वाहन पटना तक आ सकेंगे.
राजेंद्र सेतु से भी नहीं आ पायेंगे आठ टन से अधिक भारी वाहन : राजेंद्र सेतु से भी आठ टन से अधिक क्षमता वाले वाहनों के आने जाने पर रोक लगा दी गयी है.
छोटे माल वाहकों पर ओवरलोडिंग की जांच के लिए जिला प्रशासन ने परिवहन और खनन विभाग के चार-चार अधिकारियों की नियुक्ति की गयी है. सेतु पर जाने से पहले बालू व कंक्रीट लदे वाहनों को प्राथमिकता के तौर पर जांच की जायेगी.

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