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पटना की हवा के नये ”दुश्मन” बेंजीन, टॉल्यूइन व जाइलीन
पटना : राजधानी की हवा के नये दुश्मन बेंजीन, टाॅल्यूइन और जाइलीन तेजी से उभर रहे हैं. ओजोन पहले से ही प्रदूषण की विशेष वजह बनता जा रहा है. खास बात यह कि वायु को खराब करने में इनका दखल इतना प्रभावी है कि इनकी मौजूदगी देर रात तक देखी जा रही है. हालात ये […]
पटना : राजधानी की हवा के नये दुश्मन बेंजीन, टाॅल्यूइन और जाइलीन तेजी से उभर रहे हैं. ओजोन पहले से ही प्रदूषण की विशेष वजह बनता जा रहा है. खास बात यह कि वायु को खराब करने में इनका दखल इतना प्रभावी है कि इनकी मौजूदगी देर रात तक देखी जा रही है.
हालात ये हैं कि रात आठ बजे के बाद से मध्य रात्रि तक शहर की हवा में पीएम 2.5 की मात्रा 200 से ऊपर ही रह रही है. पीएम 2.5 की मात्रा में वृद्धि में कुछ हद तक बैंजीन, टाॅल्यूइन और जाइलीन भी जिम्मेदार रहते हैं. इसी तरह बेंजीन की मात्रा भी बढ़ी हुई दर्ज की जा रही है.
हालांकि अभी यह खतरे की लिमिट से नीचे है. हालांकि जानकारों का कहना है कि इनके बढ़ने की गति बढ़ती रही तो आने वाले समय में ये घातक साबित होंगे.
फिलहाल इन दिनों रात में इनकी मात्रा शहर में अब तक के औसत से अधिक रह रही है. उदाहरण के लिए पटना शहर में शुक्रवार की रात 9.15 बजे जायलीन की मात्रा 27.70-30 के बीच और टाइल्यून की मात्रा 20.60-22 और बेंजीन की मात्रा 6 माइक्रोग्राम पर घन मीटर तक दर्ज की गयी. हालांकि जायलीन की शहर में अधिकतम औसत मात्रा 14.33 और टाॅल्यूइन की मात्रा 12.96 माइक्रोग्राम पर घन मीटर तक दर्ज की जाती रही है. बेंजीन की औसत लिमिट 3.75 माइक्रोग्राम पर घन मीटर है.
डीजल वाहनों से है परेशानी
जानकारों का कहना
है कि यह तब है जब शहर की सड़कों से वाहन भी गायब हो चुके होते हैं. मुख्य रूप से ये तीनों हाइड्रोकार्बन मुख्य तौर पर वाहनों के धुआं से निकलते हैं. जानकारी हो कि बेंजीन,जाइलिन और टाल्यूइन एक तरह से हाइड्रोकार्बन हैं. ये खासतौर पर डीजल वाहनों के ईंधन से यह ज्यादा निकलते हैं. वातावरण में कालिख के रूप में ये कहीं भी जम जाते हैं. यह सामान्य तौर पर जलकण के रूप में देखे जाते हैं. हवा में ये 15-20 फीट से ऊपर तक नहीं जा पाते हैं. इन दिनों शहर में दिन के समय वाहन के धुओं से और रात में फैक्टरी के धुओं के जरिये ये कार्बन बाहर आ रहे हैं. प्लास्टिक और रबर का कचरा जलाये जाने से भी ये तीनों हाइड्रोकार्बन उत्पन्न होते हैं. इन तत्वों से पेंट और थ्रिनर की गंध आती है. जहां तक आेजाेन का सवाल है, इसकी औसत उपलब्धता इन दिनों 60 से ऊपर दर्ज की जा रही है.
शुक्रवार को भी पटना दिल्ली से ज्यादा प्रदूषित, एक्यूआइ 339 दर्ज
पटना : पटना शहर की हवा लगातार बहुत खराब बनी हुई है. शुक्रवार को पटना का एयर क्वालिटी इंडेक्स(एक्यूआइ) 339रहा, जबकि दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 330 दर्ज किया गया. हालांकि दिल्ली शहर के अलावा हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तरप्रदेश के कुछ शहरों की हवा पटना से अधिक प्रदूषित रही. देश में ‘बहुत खराब’ की श्रेणी में देश के 13 शहर रहे. इसमें पटना 6 वें स्थान पर रहा.
हालांकि पटना बहुत खराब हवा की श्रेणी में पिछले दस दिन से नीचे नहीं आ सका है. विशेषज्ञ इसे चिंताजनक मान कर चल रहे हैं. हालांकि बिहार के दो अन्य जिलों मसलन गया और मुजफ्फर की हवा शुक्रवार को पूअर श्रेणी में दर्ज की गयी. सबसे ज्यादा सुधार मुजफ्फरपुर की हवा में हुआ.
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