पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वकांक्षी योजना मुख्यमंत्री भिक्षावृति निवारण योजना अधिकारियों की लापरवाही के कारण वर्षों बाद भी जमीन पर नहीं उतर पायी है. राज्य सरकार के स्तर पर हुई समीक्षा बैठक में एक बार फिर समाज कल्याण विभाग को याेजना के तहत भिखारियों को जोड़ने का निर्देश दिया गया है.
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अब भिखारी भी जुड़ेंगे कौशल प्रशिक्षण योजना से
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वकांक्षी योजना मुख्यमंत्री भिक्षावृति निवारण योजना अधिकारियों की लापरवाही के कारण वर्षों बाद भी जमीन पर नहीं उतर पायी है. राज्य सरकार के स्तर पर हुई समीक्षा बैठक में एक बार फिर समाज कल्याण विभाग को याेजना के तहत भिखारियों को जोड़ने का निर्देश दिया गया है. साथ ही, […]
साथ ही, उन जिलों के अधिकारियों पर कार्रवाई करने को कहा गया है, जहां यह अभियान तक शुरू भी नहीं हो पाया है. योजना की समीक्षा दोबारा से हुई, तो उसके बाद भिखारियों को रोजगार व पहचान देने की जिम्मेदारी सभी जिला के डीएम सौंप दी गयी है,लेकिन अक्तूबर माह में विभागीय स्तर पर आयी रिपोर्ट में डीएम के स्तर से काम नहीं कराया गया है.
रिपोर्ट में भिखारियों की संख्या, कितने भिखारियों को रोजगार से जुड़ा प्रशिक्षण और पहचानपत्र दिया गया. यह रिपोर्ट दिसंबर तक मांगी गयी है. जिलों में जिन भिखारियों को रेस्क्यू किया जायेगा. उनको प्रशिक्षण और पहचान देने के बाद बाकी भिखारियों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जायेगा. अभियान में भिखारियों के साथ एनजीओ भी रहेंगे, ताकि भिखारी दूसरे भिखारियों को इस अभिश्राप से मुक्त करा सकें.
भिक्षुक पुनर्वास गृह के लिए चयनित जिले
पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, वैशाली, अररिया, किशनगंज, जमुई, शेखपुरा, लखीसराय, मधेपुरा, औरंगाबाद, अरवल .
यहां पहले से चल रही है योजना
पटना, गया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, पूर्णिया, भागलपुर, मुंगेर, सारण, सहरसा, रोहतास, नालंदा, कटिहार.
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