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पटना : रटनेवाले प्रश्नों पर जोर, बढ़ेगा कटऑफ
35 जिलों के 718 केंद्रों पर आयोजित हुई प्रारंभिक परीक्षा पटना : 65वीं बीपीएससी पीटी में समझ आधारित प्रश्नों के बजाय कौन, कब, कहां जैसे रटने वाले प्रश्नों पर जोर रहा. इस वजह से इसमें 64वीं पीटी की तुलना में कट ऑफ बढ़ने की आशंका है. पिछली बार यह 96 रहा था, इस वर्ष 105 […]
35 जिलों के 718 केंद्रों पर आयोजित हुई प्रारंभिक परीक्षा
पटना : 65वीं बीपीएससी पीटी में समझ आधारित प्रश्नों के बजाय कौन, कब, कहां जैसे रटने वाले प्रश्नों पर जोर रहा. इस वजह से इसमें 64वीं पीटी की तुलना में कट ऑफ बढ़ने की आशंका है. पिछली बार यह 96 रहा था, इस वर्ष 105 तक पहुंचने की संभावना है. मंगलवार को प्रदेश के 35 जिलों के 718 परीक्षा केंद्रों पर दोपहर 12 से 2 बजे तक प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की गयी.
बीपीएससी के परीक्षा नियंत्रक अमरेंद्र कुमार ने कहा कि परीक्षा केंद्रों पर स्टैटिक मजिस्ट्रेट और पुलिस पार्टी के साथ जोनल मजिस्ट्रेट की तैनाती भी की गयी थी और बीपीएससी के अपने ऑब्जर्वर भी इसकी निगरानी कर रहे थे. परीक्षा सभी केंद्रों पर शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुई और इसमें लगभग 70 फीसदी अभ्यर्थी शामिल हुए. पटना के केंद्रों से छात्रों की ओएमआर शीट मंगलवार को आयोग कार्यालय भेज दी गयी. अन्य जिलों से बुधवार या गुरुवार तक आयोग कार्यालय में आयेगी.
कुछ ने प्रश्नों को ठीक बताया, तो कुछ ने कहा बहुत आसान
कई प्रश्न थे रिपीट
प्रश्नपत्र में जीएस के अलग-अलग सेक्शन से आने वाले प्रश्नों की संख्या कमोबेश वैसी ही थी, जैसी अन्य वर्षों में होती रही है. इतिहास और बिहार से जुड़े प्रश्न कुछ अधिक थे. हालांकि वे भी आसान थे
अनुराग सेंगर
अलग था प्रश्नपत्र
इस वर्ष का प्रश्नपत्र पिछले वर्षों से अलग था. रटने वाले प्रश्न अधिक पूछे गये थे, जबकि पिछले तीन चार परीक्षाओं में बीपीएससी में संकल्पना और विषय की समझ आधारित प्रश्नोंं को पूछने पर अधिक जोर दिया जा रहा था.
प्रिया सिन्हा
एसएससी पैटर्न पर थे प्रश्न
प्रश्नों की प्रकृति एसएससी से अधिक मिल रही थी. जो उसकी तैयारी कर रहे होंगे, उनको फायदा मिलेगा. इसके कारण कई ऐसे छात्र पीटी में चयनित होने से वंचित भी रह सकते हैं, जो केवल सिविल सेवा की तैयारी कर रहे हैं.
पल्लवी भारती
विज्ञान से थे अधिक प्रश्न
अन्य विषयों की तुलना में 65 वीं बीपीएससी पीटी में विज्ञान के प्रश्न कुछ अधिक थे. इनकी संख्या लगभग 30 थी, जिनमें से कई कठिन भी थे. गणित के भी दो-तीन प्रश्न कठिन थे. हालांकि अन्य विषयों के प्रश्न तुलनात्मक रूप में आसान थे.
जयप्रकाश कुमार
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