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बिहार के सभी जिलों में पीएचइडी के माध्यम से नवंबर से चलेगा अभियान, जल संरक्षण को सभी प्रखंडों में शुरू होगा जल चौपाल

पटना : राज्य भर में नवंबर से जल संरक्षण और पानी की बर्बादी को रोकने के लिए जल चौपाल लगाया जायेगा. जिसमें पीएचइडी के अधिकारी होंगे. जल संरक्षण लोग कैसे करें, इसके बारे में जानकारी देंगे. जल चौपाल का अभियान उन जिलों से शुरू होगा, जहां इस वर्ष जल संकट सबसे अधिक रहा. वहीं, वैसे […]

पटना : राज्य भर में नवंबर से जल संरक्षण और पानी की बर्बादी को रोकने के लिए जल चौपाल लगाया जायेगा. जिसमें पीएचइडी के अधिकारी होंगे. जल संरक्षण लोग कैसे करें, इसके बारे में जानकारी देंगे. जल चौपाल का अभियान उन जिलों से शुरू होगा, जहां इस वर्ष जल संकट सबसे अधिक रहा.

वहीं, वैसे नये जिले जो जल संकट की श्रेणी में पहली बार शामिल हुए है, उन्हें भी फोकस किया जायेगा. ऑडियो-वीडियो से भी लोगों को किया जायेगा जागरूक : विभाग के मुताबिक जल चौपाल में अधिकारी लोगों को जल संरक्षण के बारे में ऑडियो और वीडियो के माध्यम से जानकारी देंगे, ताकि पानी की बर्बादी को बिहार में पूरी तरह से रोका जा सके. वीडियो क्लिप में पानी संकट के बाद आने वाले पूरी जानकारी होगी. इस वीडियो में शॉर्ट फिल्म दिखाकर लोगों में जागरूक किया जायेगा. साथ ही, वीडियो में लाउडस्पीकर से जल संरक्षण के बारे में लोगों को टिप्स दिया जायेगा.

नल जल योजना वाले वार्डों में भी विशेष अभियान

पीएचइडी की ओर से जिन वार्डों में नल जल योजना को पूरा किया जा रहा है. उन सभी वार्डों में पानी को संरक्षण के लिये विशेष अभियान चलाया जायेगा. जल चौपाल के बाद जिन घरों में नल जल योजना के माध्यम से पानी पहुंचेगा. वह उस पानी को बर्बाद नहीं करें, इसको लेकर विशेष निगरानी रहेगी.

दिसंबर से फैक्टरी मजदूरों की नियमित स्वास्थ्य जांच को किया गया अनिवार्य

पटना : बिहार में फैक्टरी में काम करने वाले मजदूरों का नियमित हेल्थ जांच कराना अनिवार्य होगा. नये श्रम कानून को सख्ती से राज्यभर में लागू करने के लिए श्रम संसाधन विभाग ने सभी निबंधित फैक्टरी को मजदूरों का नियमित हेल्थ जांच कराने को कहा है. ऐसा नहीं करने वाले पर कार्रवाई की जायेगी. विभागीय स्तर पर सभी निबंधित फैक्टरी को नये श्रम कानून के तहत निर्देश भेजना शुरू कर दिया गया है.

दिसंबर से विभाग के पदाधिकारी कभी भी जांच रिपोर्ट मांग सकते हैं. राज्य भर में निबंधित छोटे-बड़े उद्योगों की संख्या लगभग 10 हजार है. इनमें काम करने वाले मजदूरों के स्वास्थ्य को बेहतर रखने को नियमित जांच कराने का प्रावधन है. लेकिन, इस नियम का पालन फैक्टरियां नहीं करती है.

श्रम कानून के तहत फैक्ट्री में काम करने वाले सभी मजदूरों का नियमित जांच करने का नियम है. ऐसा नहीं करने वाले फैक्ट्रियों पर सख्ती से कार्रवाई हाेगी. नये श्रम कानून के इसे अनिवार्य रूप से करना है.

विजय कुमार सिन्हा, मंत्री, श्रम संसाधन मंत्री

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