पटना : राज्य में अगले पांच वर्षों के लिए राज्य बिहार राज्य उद्यानिक उत्पाद विकास योजना लागू होगी. इस योजना के तहत जिस जिले में जिस फसल का विशेष उत्पादन होता है. उस जिले में उस फसल के लिए बाजार विकसित कर हब बनाये जायेंगे. इसके अलावा राज्य सरकार फसल की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, ब्रांडिंग व मार्केटिंग करने के लिए किसानों को लागत का 90 फीसदी अनुदान भी देगी.
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जिलावार बनेगा फसल हब, 90 फीसदी तक अनुदान
पटना : राज्य में अगले पांच वर्षों के लिए राज्य बिहार राज्य उद्यानिक उत्पाद विकास योजना लागू होगी. इस योजना के तहत जिस जिले में जिस फसल का विशेष उत्पादन होता है. उस जिले में उस फसल के लिए बाजार विकसित कर हब बनाये जायेंगे. इसके अलावा राज्य सरकार फसल की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, ब्रांडिंग व […]
मंगलवार को कृषि विभाग के मंत्री डाॅ प्रेम कुमार ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि किसानों को फल, सब्जी और मसालों के उत्पादन का समुचित कीमत नहीं मिल पाती है. कृषि विभाग इन जिलों में विशेष फसलों को प्रोत्साहित कर उस जिले को एक हब के रूप में विकसित करना चाहता है, जिससे उनकी मार्केटिंग में सुविधा होगी.
टमाटर, हरी मिर्च, लहसुन से लेकर अन्य फसलों पर प्रोत्साहन : बिहार राज्य उद्यानिक उत्पाद विकास योजना की अवधि पांच वर्षों की होगी. प्रथम वर्ष में समूह के गठन के बाद सभी ढांचागत सुविधा और उपकरण के लिए राशि उपलब्ध करायी जायेगी.
इस योजना के तहत रोहतास में टमाटर, समस्तीपुर एवं अररिया में हरी मिर्च, पूर्वी चंपारण में लहसुन, भोजपुर में हरी मटर, शेखपुरा, बक्सर में प्याज, नालंदा में आलू एवं वैशाली जिले में मधु के उत्पादन को प्रोत्साहित किया जायेगा. इसके अलावा जिलाें में उत्पादन के अनुसार लीची, केला, मसाला आदि के बड़े पैमाने पर खेती और बाजार मुहैया कराये जायेंगे. यहां सीधे व्यापारी आकर किसानों के उत्पाद को खरीदेंगे. इससे बिचौलिये पर रोक लगेगी.
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