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पटना में ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन बना कर पूरे बिहार में सप्लाइ

आनंद तिवारी पटना : भारत सरकार से प्रतिबंधित ऑक्सीटोसिन का इंजेक्शन शहर में बनाकर पूरे बिहार में सप्लाइ की जा रही है. इसका अंदेशा औषधि व पुलिस विभाग की टीम लगा रही है. जांच टीम में जुटी दोनों विभाग की टीमों को शक हुआ है कि राजीव नगर से पकड़े गये में सप्लाइ शहर के […]

आनंद तिवारी
पटना : भारत सरकार से प्रतिबंधित ऑक्सीटोसिन का इंजेक्शन शहर में बनाकर पूरे बिहार में सप्लाइ की जा रही है. इसका अंदेशा औषधि व पुलिस विभाग की टीम लगा रही है.
जांच टीम में जुटी दोनों विभाग की टीमों को शक हुआ है कि राजीव नगर से पकड़े गये में सप्लाइ शहर के बाजारों में कैसे हो रही है इसकी जांच में औषधि विभाग व पुलिस की टीम जुट गयी है.
शुक्रवार को छापेमारी के दौरान पकड़े गये राजीव नगर के उमाशंकर व मोतीलाल से पूछताछ के दौरान हुई है. टीम की मानें तो मुख्य आरोपित रंगीला नाम का व्यक्ति है तो शहर के राजीव नगर ऐरिया में ही ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन बनाने की फैक्टरी डाला है और फुट कर विक्रेताओं को माल सप्लाइ करता है. जिसका लाखों रुपये का टर्न ओवर है.
मछुआ टोली व कंकड़बाग से पकड़े गये सरगना से जुड़े हैं तार
जांच कर रही टीम के अधिकारियों की माने तो मुख्य आरोपित रंगीला नाम का व्यक्ति है जो इस धंधे में शामिल है. रंगीला उस गैंग का व्यक्ति है जो बड़े पैमाने पर प्रदेश में ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन का धंधा करते हैं. कदमकुआं पुलिस ने इनके गैंग के तीन सदस्यों को 8 मार्च 2019 को छापेमारी कर गिरफ्तार किया था.
शहर के मछुआ टोली, कंकड़बाग स्थित अशोक नगर व अनिसाबाद मस्जिद के पीछे इलाके में पुलिस ने छापेमारी कर 15 लाख रुपये के इंजेक्शन जब्त किये थे. टीम के अधिकारियों की माने तो रंगीला उन्हीं तीनों गैंग का सक्रिय सदस्य है. फिलहाल वह पुलिस की गिरफ्त से बाहर है और उसके मोबाइल नंबर व घर के पते से छानबीन की जा रही है.
मवेशियों और फलों में दवा का इस्तेमाल
ड्रग इंस्पेक्टर संदीप कुमार ने कहा कि राज्य में ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन चोरी-छिपे मवेशियों में दूध उतारने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके अलावा फल और सब्जियों के अधिक उत्पादन के लिए प्रयोग किया जाता है. उन्होंने कहा कि ऐसे पदार्थों के सेवन से लोगों के शरीर में ऑक्सीटोसिन की मात्रा आ जाती है, जो काफी हानिकारक है.
2014 में भारत सरकार ने लगाया था प्रतिबंध
सीनियर ड्रग इंस्पेक्टर विश्वजीत दास गुप्ता ने कहा कि भारत सरकार ने 2014 में ऑक्सीटोसिन की बिक्री पर रोक लगा दी थी. यह इंजेक्शन केवल मवेशियों के सरकारी अस्पताल में सप्लायी की जा सकती है.
इंजेक्शन मवेशियों को प्रसव के समय दिया जा सकता है. दुधारू मवेशियों में इंजेक्शन देने पर प्रतिबंध है. बाजार में बेचना एनिमल क्रूएलिटी एक्ट के खिलाफ है. गुप्ता ने कहा कि भारत के ड्रग कंट्रोलर ने इंजेक्शन पर प्रतिबंध लगाने के बाद राज्य के औषधि नियंत्रक को भी पत्र भेजा था. बावजूद यह इंजेक्शन धड़ल्ले से पटना में बेची जा रही है.

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