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पटना : जानें तीन तलाक को अपराध घोषित किये जाने पर लोगों ने क्या कहा, इधर, राजनीति भी गर्मायी
कुछ बोले – जिंदगी बदलेगी, कुछ ने कहा – बेकार सरकार चाहे कानून जो भी बनाये, लेकिन इस्लामिक कानून नहीं बदल सकता है. सरकार को धर्म से जुड़े लोगों को कानून बदलने का अधिकार देती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इस मामले में सरकार को और मंथन करने की आवश्यकता है. – सैयद शाह मिस बाहुल्य […]
कुछ बोले – जिंदगी बदलेगी, कुछ ने कहा – बेकार
सरकार चाहे कानून जो भी बनाये, लेकिन इस्लामिक कानून नहीं बदल सकता है. सरकार को धर्म से जुड़े लोगों को कानून बदलने का अधिकार देती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इस मामले में सरकार को और मंथन करने की आवश्यकता है.
– सैयद शाह मिस बाहुल्य हक इमादी, सज्जादानशीं, खानकाह इमादिया मंगल तालाब
धर्म के कानून को बदलने का अधिकार उसी धर्म से जुड़े लोगों को होना चाहिए. जो शरीयत के मुताबिक बदलाव करते है. लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया, बल्कि बिल पेश कर दिया. बिल पास होने का समाज में दूरगामी व स्वस्थ्य परिणाम सामने आये, ऐसा नहीं लगता है.
-सैयद शाह शमीमउद्दीन अहमद मुनएमी, सज्जादानशीं, खानकाह मुनएमिया मीतन घाट
दरगाह शरीफ
तीन तलाक विधयेक पास होने का अर्थ है कि सरकार मजहब के कानून को नजर अंदाज कर रही है. शरीयत में जो कानून है, उसका अमल होना चाहिए. तीन तलाक में मुसलिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कानून के तहत ही चलना चाहिए,यह शरीयत कानून के खिलाफ है.
-रजी अहमद सिद्दीकी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, ऑल इंडिया जामियातुस सब्बाग रंगरेज ऑग्रेनाइजेशन
तीन तलाक विधेयक के पास होने से महिलाओं को अधिकार मिलेगा. क्योंकि बुनियादी जिंदगी में यह हक अमल में नहीं आ रहा था. तीन तलाक इस्लाम के खिलाफ प्रथा थी, जिसे ज्यादातर मुसलिम देशों ने बंद कर दिया है. कानून से मुस्लिम महिलाओं में आत्मबल मिलेगा.
-शाह जौहर इमाम जौनी, सचिव, दरगाह चमडोरिया शरीफ
देश के नौ करोड़ मुसलिम महिलाओं की आजादी का दिन है.क्योंकि यह मसला हमेशा के लिए खत्म हो जायेगा, सरकार मॉडल निकाहनामा का उपयोग कराये. धर्म में महिलाओं को भी पुरुषों के समान अधिकार प्राप्त है. ऐसे में महिलाओं के हक की रक्षा होगी. क्योंकि कुरान व हदीस में ऐसी चर्चा नहीं है.
-शाह सरवर इमाम
तीन तलाक बिल हिंदुस्तान के संविधान की आत्मा के खिलाफ है. संविधान में देश के सभी धर्मों, जाती व समुदाय के लोगों को धार्मिक और अपनी अपनी मान्यताओं को मानने का जो अधिकार प्रदान किया है, यह तीन तलाक बिल उन अधिकारों का हनन है. उन्होने कहा कि इस बिल के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए.
मौलाना अनिसुर्रहमान कासमी, नाजिम, इमारत-ए-शरिया स देश में लोकसभा और राज्यसभा से भले ही भाजपा गठबंधन ने तीन तलाक बिल को पास करा लिया है, लेकिन देश के मुसलमानों के दिल से इस तीन तलाक के बिल को पास नहीं करा पायी है. आज भी देश के मुसलमानों का बड़ा और शिक्षित तबका एक ही बार में तीन बार तलाक, तलाक, तलाक कह देने वाले तीन तलाक को सही नहीं मानता है और यह इस्लाम धर्म के भी खिलाफ है.
जो लोग एक बार में ही तलाक, तलाक, तलाक को ही तीन तलाक मानते आ रहे हैं, उन्हें कौन रोकेगा. जब तक ऐसे लोगों के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज करायेगा, तब तक न उसे कानून नहीं पकड़ेगा. इस देश में बाल विवाह गैर कानूनी है फिर ही बाल विवाह हो रहे हैं. बिहार में शराबबंदी है, फिर भी शराब की बिक्री हो रही है. ठीक वैसा ही हश्र इस तीन तलाक बिल का भी होगा.
-इमरान गणी, प्रसिद्ध अधिवक्ता
यह पूरी तरह से मुस्लिम समाज का आंतरिक मामला है इसमें सरकार को जबरन हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. तीन तलाक को पहले ही मुस्लिम समाज ने गलत माना है और इस पर हमारे यहां नियम – कानून भी बने हुए हैं. ऐसे में सरकार तीन तलाक बिल को जबर्दस्ती थोप रही है इसे सही नहीं कहा जा सकता. मेरा सरकार से निवेदन है कि किसी भी धर्म के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप नहीं करे.
डॉ अतिया बेगम, पूर्व निदेशक, काशी प्रसाद
जायसवाल शोध संस्थान, पटना
कोई भी कानून बने तो इसमें समाज की सहमति भी होनी चाहिए. दुख की बात है कि इस बिल को बनाने से पहले सरकार ने मुस्लिम समाज का विश्वास जीतने की कोशिश नहीं की. बेहतर होता कि समाज को ही इस बुराई के खिलाफ पहल करने दिया जाता. ऐसा नहीं होने से यह भी दहेज और संपति पर महिलाओं के अधिकार कानून की तरह हो जायेगा. नये कानून से पुरुषों को जेल भेजने के बाद परिवार और बिखर जायेंगे.
शाहदा बारी, सामाजिक कार्यकर्ता
तीन तलाक के मामले मुस्लिम समाज में रेयर ही देखने को मिलते हैं यह आम नहीं है. यह हमारे लिये एक गैरजरूरी मुद्दा है. ऐसे में अगर सरकार को मुस्लिम महिलाओं की चिंता है तो वह हमें शिक्षा और रोजगार का बेहतर मौका दे. मॉब लिंचिंग को रोके. मुस्लिम समाज के खिलाफ फैलाई जा रही नफरत को रोकना चाहिए. हमारी इतनी ही चिंता है तो सरकार संसद और विधान सभा में हमें आबादी के मुताबिक हिस्सेदारी दे.
डॉ गजाला इमाम, चिकित्सक
तीन तलाक इस्लाम के मुताबिक गलत है, ऐसे में इस पर कानून लाना अच्छी बात है. लेकिन मेरा मानना है कि इसमें जेल भेजने का प्रावधान गलत है. इससे परिवार टूटेंगे. आप किसी को मजबूर नहीं कर सकते कि किसी के साथ जिंदगी गुजारे. मुस्लिम महिलाओं के लिए यहीं एक मुद्दा नहीं है. बेहतर होता कि सरकार हमारी शिक्षा, रोजगार और सुरक्षा जैसे मुद्दों पर ध्यान दे ताकि हम इज्जत के साथ बेहतर जिंदगी गुजार सके.
होदा शहजाद, शिक्षाविद्ध
इधर, राजनीति भी गर्मायी, आम सहमति की जरूरत : वशिष्ठ
पटना : जदयू के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा है कि तीन तलाक पर जागरूकता और आम सहमति की जरूरत है.
आज हमलोगों की इस पर असहमति है, क्योंकि इस पर और बहस व आम सहमति की आवश्यकता है. इसलिए हमलोग इस विषय पर सदन का बहिष्कार करते हैं. उन्होंने कहा कि न तो इस बिल के समर्थन में बोलेंगे और न ही साथ देंगे. हर पार्टी की अपनी विचारधारा होती है और हर पार्टी को स्वतंत्रता है कि वह उस विचारधारा पर आगे बढ़े. उस विचारधारा को लागू करे.
बशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि हमारी जो मान्यता है, हम जिनको आदर्श मानते हैं, उनकी विचारधारा पर हम आज भी चलने का प्रयास करते हैं. हमलोग गांधी, जेपी, लोहिया और आंबेडकर को मानने वाले लोग हैं. ये सभी जितने बड़े राजनेता थे, उससे बड़े समाज-सुधारक थे. ये सभी युगपुरुष आज नहीं हैं लेकिन विचारों की यात्रा चलती रहती है. उसकी धाराएं कुछ बदलती और बिगड़ती जरूर हैं, लेकिन यात्रा फिर भी चलती रहती है. इन महापुरुषों ने जो सपना देखा था, समाज का भविष्य जिस रूप में देखा था, आज भी समाज विभिन्न चरणों में उसे पूरा करने की कोशिश कर रहा है.
उन्होंने कहा कि हमलोगों की सरकार ने बिहार में नारी-सशक्तिकरण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण काम किया है. पंचायत से लेकर नौकरी तक में आरक्षण, शराबबंदी, दहेजबंदी, बालविवाह बंदी जैसे कदम उठाया. हालांकि जो रूढ़ियां जड़ जमा चुकी हों, जो व्यवस्था प्रचलित हो चुकी हों, उसे दूर करने में समय लगता है. इसके लिए बड़े अभियान की जरूरत होती है.
मुक्ति का दिन : डिप्टी सीएम
पटना . डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने राज्यसभा से तीन तलाक बिल पारित होने पर कहा है कि आज मुस्लिम महिलाओं के लिए मुक्ति का दिन है. मुस्लिम बहनों को आजादी से जीने का हक और न्यायपूर्ण जीवन का अधिकार दिलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि अब उन्हें अपमान और प्रताड़ना की जिंदगी से छुटकारा मिलेगी. उन्होंने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है.
इस देश की सभी महिलाओं को सम्मान के साथ जीने का अधिकार है. दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि इस देश की महिलाओं को सती प्रथा, बाल विवाह और विधवा विवाह निषेध की कुप्रथाओं से मुक्ति तथा मतदान और अन्य नागरिक अधिकारों की प्राप्ति के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ा है. संसद की दोनों सदनों से तीन तलाक बिल का पारित होना सरकार की नहीं बल्कि देश की करोड़ों मुस्लिम महिलाओं की जीत है.
मुस्लिम महिलाओं के लिए नयी दिशा
पटना. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने ट्वीट कर तीन तलाक कानून पर प्रक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि मुस्लिम महिलाओं के जीवन को नयी दिशा देने वाला ऐतिहासिक कानून है, जिसे राज्यसभा में पारित होने पर आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करता हूं.
यह प्रधानमंत्री के निरंतर प्रयासों का ही परिणाम है कि अब मुस्लिम बहनों को समाज में सम्मानपूर्वक जीवन मिलेगा. उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार महिलाओं के सम्मान, स्वाभिमान और उनके सशक्तिकरण के प्रति पूर्ण प्रतिबद्ध है. तीन तलाक बिल का पारित होना उसी प्रतिबद्धता का नतीजा है.
श्रम मंत्री ने दी बधाई : राज्य के श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार को तीन तलाक संबंधी विधेयक पारित होने की सराहना की है. उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री को बधाई भी दी.
तीन तलाक पर जदयू का स्टैंड दोहरा : प्रेमचंद्र
पटना : कांग्रेस के विधान परिषद सदस्य प्रेमचंद मिश्रा ने तीन तलाक बिल को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि इस विधेयक को लेकर विरोध का दंभ भरने वाली पार्टी जदयू ने आज वॉक आउट कर बिल को पास करवाने में भाजपा की मदद कर दी. उन्होंने कहा कि जदयू, बसपा, टीआरएस जैसी पार्टियां लगातार यह कहती रही है कि वह तीन तलाक विधेयक का विरोध करेंगी. जब समय आया तो इनलोगों ने बिल के खिलाफ वोट नहीं कर सदन से वॉक आउट कर सरकार को मदद पहुंचाने का काम कर यह साबित कर दिया कि इनके कथनी करनी में बड़ा फर्क है.
पटना : धर्म में हस्तक्षेप उचित नहीं : जीतन राम मांझी
पटना : हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने ट्रिपल तलाक बिल का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि हर धर्म संप्रदाय का अलग-अलग रीति रिवाज है.इसमें कोई हस्तक्षेप उचित नहीं है. यह इस्लाम धर्म में हस्तक्षेप का मामला है.ट्रिपल तलाक कानून से सीधे तौर पर हस्तक्षेप होगा. पार्टी इसका विरोध करती है.
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