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उपचुनाव में सहयोगियों को साधना राजद के लिए चुनौती

पटना : राज्य के सबसे बड़े विपक्षी दल राजद ने राज्य में संभावित लोकसभा व विधानसभा उपचुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. राज्य में लोकसभा की एक और विधानसभा की पांच सीटें अभी खाली है. राजद विधानसभा की सीटिंग सीट को छोड़कर कोई सीट अपने सहयोगियों को देने के मूड में नहीं है. राजद […]

पटना : राज्य के सबसे बड़े विपक्षी दल राजद ने राज्य में संभावित लोकसभा व विधानसभा उपचुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. राज्य में लोकसभा की एक और विधानसभा की पांच सीटें अभी खाली है. राजद विधानसभा की सीटिंग सीट को छोड़कर कोई सीट अपने सहयोगियों को देने के मूड में नहीं है. राजद उपचुनाव को लेकर अपने सहयोगियों से बात तो करेगा, लेकिन वह हर सीट पर जिताऊ उम्मीदवार की तलाश भी शुरू कर दिया है.

कुछ सीटों पर नेताओं ने जनसंपर्क अभियान भी शुरू कर दिया है. लोजपा सांसद रामचंद्र पासवान के निधन के बाद समस्तीपुर की लोकसभा सीट खाली हो गयी है. इसके साथ ही बेलहर, किशनगंज, दरौंदा, नाथनगर व किशनगंज के विधायक के सांसद चुन लिए जाने के कारण विधानसभा की पांच सीटें खाली है. किशनगंज से कांग्रेस के विधायक थे.
अन्य जगह पर जदयू के विधायक थे. महागठबंधन के भीतर सीटों के बटवारे में राजद सिर्फ किशनगंज की सीट कांग्रेस को देने के मूड में है. हालांकि, अभी उपचुनाव की तिथियां घोषित नहीं हुई है. पर, इसकी गोटियां अभी से बिछने लगी है.
राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे कहते हैं कि चुनाव को लेकर पार्टी की शीर्ष नेतृत्व अंतिम निर्णय करेगा. चुनाव के पहले सहयोगियों के साथ बात की जायेगी. सामाजिक समीकरण के हिसाब से बी राजद सभी विधानसभा सीटों पर अपने सहयोगी दलों की तुलना में अधिक भारी है. राज्य में सत्तारूढ़ एनडीए के लिए भी सभी सीट प्रतिष्ठा की सीट है.
भागलपुर जिले की नाथनगर सीट पर राजद की नजर लंबे समय से रही है. बहरहाल अंदरुनी तौर पर राजद पर उपचुनाव की तैयारी शुरू हो गयी है. समस्तीपुर की लोकसभा सीट इस बार महागठबंधन में कांग्रेस के पास रही थी. उम्मीद की जा रही है कि कांग्रेस को ही मौका मिलेगा.
लालू की सुरक्षा वापस लिया जाना उनकी हत्या की साजिश
राजद के प्रदेश महासचिव भाई अरुण कुमार व अत्यंत पिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव उपेंद्र चंद्रवंशी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री और राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद को केंद्र के द्वारा दी जा रही सुरक्षा को वापस लिये जाने पर कहा कि उनकी सुरक्षा व्यवस्था वापस लिया जाना भाजपा सरकार की एक सोची समझी साजिश है.
राजद . नेताओं ने कहा कि जिस प्रकार से लालू प्रसाद की सुरक्षा हटायी गयी और उनकी सुरक्षा मात्र झारखंड पुलिस के जवानों के द्वारा की जा रही है, उससे राजद के लोग बहुत हीं चिंतित हैं. राजद नेताओं ने राष्ट्रपति से लालू प्रसाद की सुरक्षा फिर से बहाल करने के लिए हस्तक्षेप की मांग की.

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