पटना : राज्य के अठारह शिक्षक संघों के आह्वान पर गुरुवार को पटना में प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों पर लाठीचार्ज के विरोध में शुक्रवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में हंगामा हुआ. विधानसभा की पहली पाली में विपक्षी सदस्याें के हंगामे और नारेबाजी के कारण सदन की कार्यवाही पांच मिनट बाद ही स्थगित करनी पड़ी.विधान परिषद में भी विपक्ष के सदस्यों ने शिक्षकों पर लाठीचार्ज का विरोध किया. कांग्रेस और राजद के सदस्यों ने वेल में आकर करीब आधा घंटा तक नारेबाजी की.
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दोनों सदनों में हंगामा, नहीं चली विधानसभा की पहली पाली
पटना : राज्य के अठारह शिक्षक संघों के आह्वान पर गुरुवार को पटना में प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों पर लाठीचार्ज के विरोध में शुक्रवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में हंगामा हुआ. विधानसभा की पहली पाली में विपक्षी सदस्याें के हंगामे और नारेबाजी के कारण सदन की कार्यवाही पांच मिनट बाद ही स्थगित करनी पड़ी.विधान […]
विधानसभा की पहली पाली की कार्यवाही शुक्रवार को जैसे ही शुरू हुई, सभी विपक्षी दल के सदस्य अपने स्थान पर खड़े हो गये और हंगामा करने लगे. ये लोग शिक्षकों पर हुए लाठीचार्ज का विरोध कर रहे थे. सभी विपक्षी सदस्य लाठीचार्ज की घटना का विरोध करते हुए वेल में आ गये और सरकार विरोधी नारेबाजी शुरू कर दी.
इस पर विधानसभा के अध्यक्ष ने सभी सदस्यों को समझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन कोई सदस्य कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हुए. हंगामा लगातार बढ़ता देख करीब पांच मिनट की मशक्कत के बाद विधानसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी है.
इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि अगर विपक्षी दल के सदस्य कोई बात वेल में आकर कहेंगे, तो कैसे काम चलेगा. ऐसे में सरकार उत्तर कैसे देगी. जिन मुद्दों को विपक्षी सदस्य उठाना चाहते हैं, सरकार उनका जवाब देने के लिए तैयार है.
सदन के बाहर भी विरोध :
विधानसभा परिसर में राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों पर लाठी चलाना बेहद दुखद घटना है. इन्हें बर्बरता से पीटा गया. महिला शिक्षक तक को नहीं छोड़ा गया. भाई वीरेंद्र ने कहा कि सरकार शिक्षकों से इस घटना के लिए माफी मांगे. लाठीचार्ज में जिन शिक्षकों को चोटें आयी हैं, उनका इलाज सरकारी खर्च पर किया जाये. जब तक सरकार इसका जवाब नहीं देती, तब तक सदन की कार्यवाही चलने नहीं दी जायेगी.
विपक्ष का कानून व्यवस्था पर सवाल
पटना . विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी ने कहा कि सरकार 2005 से ही शिक्षकों पर लाठी और गोली चलवा रही है. महिलाओं को लाठी मारी गयी है. रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि घटना को लेकर शिक्षक काला दिवस मना रहे हैं. वहीं प्रेमचंद्र मिश्रा ने शिक्षकों पर लाठीचार्ज के साथ, छपरा में मॉब लिचिंग का मुद्दा उठाते हुए राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया.
उन्होंने बतौर गृह मंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग की. विधान परिषद में करीब आधा घंटा तक सदन की कार्यवाही प्रभावित हुई.राजद और कांग्रेस सदस्य नारेबाजी करते हुए वेल में आ गये. राजद के विधान पार्षद सुबोध कुमार के कार्यस्थगन प्रस्ताव को कार्यकारी सभापति ने अमान्य कर दिया. भाकपा के केदारनाथ पांडे ने भी लाठीचार्ज की निंदा की.
सत्ता पक्ष के नवल किशोर यादव, सतीश सिंह और दिलीप चौधरी ने कहा कि लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का हक है. शिक्षक अपनी मांगों को लेकर पटना पहुंचे थे और शिक्षा मंत्री के घर भी गये थे तो शिक्षा मंत्री को उनसे बात करनी चाहिए थी. समझौता करना चाहिए था. जदयू के रणवीर नंदन ने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन हुआ है.
कुछ पुलिस अधिकारियों के कारण सरकार का चरित्र बदनाम हुआ है. कांग्रेस के मदन मोहन झा ने कहा कि प्रदर्शन के दौरान वैशाली जिले की शिक्षिका फूलकांति कुमारी को चोट लगी. उनका निधन हो गया है. ऐसे में दोषियों पर कार्रवाई और पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजा िमले.
लाठीचार्च से नहीं हुई महिला शिक्षिका की मौत : मंत्री
शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने एक शायरी कही -हरेक बात पर कहते हो तुम कि तू क्या है, तुम भी कहो कि अंदाजे गुफ्तगू क्या है. भोजनावकाश के बाद सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के मंत्री नीरज कुमार ने सरकार की ओर से सदन को बताया कि जिस महिला शिक्षिका की मौत की बात लाठीचार्ज में लाठी की चोट से बतायी जा रही है, वे तीन दिनों से छुट्टी पर थीं.
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