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पटना : पश्चिमी और पूर्वी चंपारण के कई प्रखंडों में बाढ़ की स्थिति भयावह, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया सर्वेक्षण

मुख्य सचिव ने कहा -आज आपदा के प्रधान सचिव जायेंगे सर्वे करने पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ मंगलवार को दोपहर में गंडक व बूढ़ी गंड़क नदियों में बाढ़ की स्थिति का सर्वेक्षण करके पटना लौटे मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि पश्चिमी व पूर्वी चंपारण जिले के कई प्रखंडों में बाढ़ के […]

मुख्य सचिव ने कहा -आज आपदा के प्रधान सचिव जायेंगे सर्वे करने
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ मंगलवार को दोपहर में गंडक व बूढ़ी गंड़क नदियों में बाढ़ की स्थिति का सर्वेक्षण करके पटना लौटे मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि पश्चिमी व पूर्वी चंपारण जिले के कई प्रखंडों में बाढ़ के पानी का फैलाव बड़े पैमाने पर दिख रहा है.
मुख्यमंत्री ने इस भयावह स्थिति को गंभीरता से लिया है.
इसे देखते हुए उन्होंने इन जिलों में बाढ़ की स्थिति का फिर से जायजा लेने के लिए बुधवार को आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव और योजना एवं विकास विभाग के प्रधान सचिव को दोनों जिलों के प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया है. दोनों पदाधिकारी बेतिया और मोतिहारी के जिलाधिकारी के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वे करेंगे और इसके बाद स्थिति से निबटने को लेकर स्थानीय स्तर पर ही समीक्षा बैठक करेंगे.
मुख्य सचिव ने बताया कि हवाई सर्वेक्षण में पाया गया कि पश्चिमी चंपारण जिले के रामनगर, चनपटिया, मझौलिया और पूर्वी चंपारण जिले के रामगढ़वा, सुगौली और बनजरिया प्रखंड के बड़े क्षेत्र में पानी का फैलाव दिख रहा है. मुख्यमंत्री ने स्थिति की भयावहता को देखते हुए पदाधिकारियों की उच्चस्तरीय टीम बुधवार को बेतिया व मोतिहारी भेजने का निर्देश दिया है. दोनों पदाधिकारी पहले मोतिहारी जायेंगे. इसके बाद दोनों जिलों के जिलाधिकारियों के साथ एरियर सर्वे करेंगे. उन्होंने बताया कि बाढ़ के कारण राज्य की करीब 26 लाख आबादी प्रभावित है.
इससे राज्य के 12 जिलों के 79 प्रखंड बाढ़ की चपेट में है. अब तक 221 राहत शिविर चलाये जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि बाढ़ के कारण अब तक कुल 33 लोगों की मौत हो चुकी है. बाढ़ को लेकर किसी भी स्थिति से निबटने के लिए सरकार तैयार है. इसकी पूरी तैयारी कर ली गयी है. जहां भी आवश्यकता होगी, वहां तत्काल राहत पहुंचाया जायेगा.
पटना : वैन के साथ पशु चिकित्सक बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में जायेंगे
पटना : राज्य के पशु एवं मत्स्य संसाधन सह कृषि मंत्री डाॅ प्रेम कुमार ने मंगलवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सहायता कार्य की समीक्षा की. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पशुचारा, दवा आधि की कोई कमी नहीं हो.
राहत कार्य युद्ध स्तर पर चलाया जाये. उन्होंने गैर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के जिला पशुपालन पदाधिकारियों को पशु चिकित्सक एवं सहायक कर्मी के साथ एम्बुलेट्री वैन को भी बाढ़ प्रभावित जिलों में भेजने का निर्देश दिया. पशु एवं मत्स्य विभाग की सचिव डाॅ एन विजयलक्ष्मी एवं पशुपालन निदेशक विनोद सिंह गुंजियाल ने समीक्षा बैठक में बताया कि दरभंगा जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में पशुचारा का वितरण शुरू हो गया है. सुपौल, अररिया, मधुबनी आदि जिले बाढ़ से ज्यादा प्रभावित हैं, वहां भी प्रभावित पशुपालकों के बीच चारा वितरण का कार्य प्रारम्भ करने का निदेश दिया गया है.
बाढ़ प्रभावित जिलों में विभाग स्तर से पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गयी है एवं उनसे चारा वितरण, दवा वितरण, पशु चिकित्सा सह राहत शिविरों के संचालन आदि की जानकारी रोज मांगी जा रही है. पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान के पदाधिकारियों की टीम दरभंगा जिला में भेजी गयी है. मंत्री ने बताया कि वह जल्द ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में जायेंगे. बैठक में गव्य निदेशक एके झा, संयुक्त निदेशक मत्स्य निशात अहमद, सहायक निदेशक डाॅ दिवाकर प्रसाद, आपदा के नोडल पदाधिकारी डाॅ रवींद्र कुमार सिंह आदि मौजूद थे.

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