पटना : बिहार के 32, 199 गांव अगले पांच वर्षो में बारहमासी एकल पक्की सड़कों से जुड़ेंगे. यह घोषणा बुधवार को विधानसभा में ग्रामीण कार्य मंत्री श्रावण कुमार ने विभाग की अनुदान मांगों पर बहस के दौरान की. सदन ने ध्वनिमत से विभाग की 12 अरब, 92 करोड़, 86 लाख और 10 हजार की अनुदान मांगे पारित कर दी. मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष सदन से वाकआउट कर गया. अनुदान मांगों के खिलाफ भाजपा
के विक्रम कुंवर ने क टौती प्रस्ताव पेश किया था.
ग्रामीण कार्य मंत्री ने कहा कि सभी गांवों को संपर्क पथों से जोड़ा जायेगा. गांवों में बनी पुरानी और जर्जर हो चुकी सड़कों का भी पुनर्निर्माण कराया जायेगा. सरकार ने 250 की आबादीवाले गांवों में सड़क बनाने का निर्णय लिया है. इस योजना के तहत पहले चरण में 17 जिलों में सड़क निर्माण होगा. प्रधानमंत्री सड़क निर्माण योजना से 8, 658 गांवों में भी पक्की सड़कें बनायी जायेंगी. उन्होंने केंद्र पर बिहार के साथ सौतेला व्यवहार का आरोप लगाते हुए कहा, इस मद में केंद्र से 20,198 करोड़ के विरुद्ध अब-तक 7,982 करोड़ ही मिले हैं. गांवों में मिसिंग लिंक सड़कें राज्य योजना से बनायी जायेंगी. यही नहीं, एक हजार छोटे-बड़े पुलों का भी निर्माण कराया जायेगा.
नाबार्ड ऋण से नये और क्षतिग्रस्त पुलों का निर्माण कराया जायेगा. ग्रामीण क्षेत्र की 4, 256 किलो मीटर सड़क की विशेष मरम्मत करायी जायेगी. उन्होंने कहा कि मानक के अनुसार गुणवत्तापूर्ण सड़कों का निर्माण न करने वाली एजेंसियां और अधिकारी बक्शे नहीं जायेंगे. विभाग ने इस मामले में कार्रवाई भी की है. 404 सड़कों का एकरारनामा रद्द किया जा चुका है. एक सौ से ऊपर अभियंता और अधिकारियों पर कार्रवाई भी हुई है. भाजपा के कुमार शैलेंद्र ने कहा कि दावा 250 की आबादी वाले गांवों को सड़क मुहैया कराने की की जा रही है, पर 10 हजार की आबादी वाले गांव-पंचायत सड़क से वंचित हैं. उन्होंने विधायकों की अनुशंसा राशि एक करोड़ किये जाने की भी मांग की. बहस में गिरधारी यादव, दुर्गा प्रसाद, संजय टाइगर, अशोक सिंह, अख्तरूल इमाम, मुन्नी देवी, ज्योति रश्मि, मंजू वर्मा, पवन जायसवाल, तार किशोर सिंह, मो जावेद, रत्नेश सदा, राम नरेश यादव और गुड्डी देवी ने भाग लिया.