पटना : पटना और वैशाली बिहार के सर्वाधिक वाहन प्रदूषण वाले जिला हो गये हैं. पटना में वाहन प्रदूषण का प्रतिशत 0.6, जबकि वैशाली में 0.4 तक पहुंच गया है. वाहन प्रदूषण को ले कर दोनों जिलों में हृदय, सांस और नेत्र के रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है. प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट को दोनों जिलों में वाहन प्रदूषण रोकने के लिए सघन जांच अभियान चलाने का सुझाव दिया है.
प्रदूषण विभाग की रिपोर्ट के बाद परिवहन विभाग की नींद खुली है. रिपोर्ट मिलने के बाद पटना में 15 वर्ष पुराने वाहनों के परिचालन पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया है. वैशाली में भी यह निर्देश जारी किया जायेगा. विभाग जुलाई के अंतिम सप्ताह से अगस्त के पहले सप्ताह तक दोनों जिलों में सघन प्रदूषण जांच अभियान चलायेगा.
परिवहन विभाग ने जनवरी में सिर्फ पटना में प्रदूषण जांच अभियान चलाया था. तब प्रदूषण जांच अभियान में विभाग ने अपने एक दर्जन मोटर यान निरीक्षकों को लगाया था. अभियान के दौरान 13 हजार ट्रक, बस, स्कूल बस, ऑटो और ट्रैक्टर से जुर्माना वसूला गया था. यही नहीं जांच अभियान में दोषी पाये गये वाहन के मालिकों को अपनी गाड़ियों की ओवर वॉयलिंग कराने की भी चेतावनी दी गयी थी. परिवहन विभाग इस बार वाहन प्रदूषण प्रदूषण जांच अभियान में लगे पदाधिकारियों-कर्मचारियों को आधुनिक तकनीक से भी लैस करेगा. जांच मशीनों के अलावा उन्हें स्मोक एनेलाइजर भी मुहैया कराये जायेंगे.