- बसों को तैयार करने में खर्च हो गयी 25 लाख से अधिक की राशि
- किशनगंज, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, मधुबनी व सीतामढ़ी में हादसे
Advertisement
खरीदी गयी दो डबल डेकर बसें गुम, अब खोजने हरियाणा जायेंगे अफसर
प्रहलाद कुमार, पटना : छह साल पहले राज्य पर्यटन िनगम ने लाखों रुपये खर्च कर तीन डबल डेकर बसें खरीदी थीं. अब इनमें से दो बसें गुम हो गयी हैं. पर्यटन विभाग ने तीनों बसों को खरीद कर हरियाणा के मानेसर की एक कंपनी को तैयार करने के लिए दिया. एक बस ताे तैयार होकर […]
प्रहलाद कुमार, पटना :
छह साल पहले राज्य पर्यटन िनगम ने लाखों रुपये खर्च कर तीन डबल डेकर बसें खरीदी थीं. अब इनमें से दो बसें गुम हो गयी हैं. पर्यटन विभाग ने तीनों बसों को खरीद कर हरियाणा के मानेसर की एक कंपनी को तैयार करने के लिए दिया. एक बस ताे तैयार होकर पटना आ गयी, मगर दो बसें अब तक नहीं पहुंचीं.
राज्य सरकार के इन दो बसों पर अब तक 25 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं. अब जब ये बसें खोजी गयीं तो वे नहीं मिलीं. इस बात की जानकारी जब लोकायुक्त को मिली तो उन्होंने तीन अधिकारियों की टीम बना कर बसों को खोज निकालने का आदेश दिया है.
लोकायुक्त के निर्देश पर अफसरों की एक टीम 15 जनवरी के बाद हरियाणा के मानेसर जायेगी. वहां बसों को खोजा जायेगा. टीम में निगरानी विभाग के एक अफसर, लोकायुक्त कार्यालय में तैनात एक डीएसपी और परिवहन िवभाग के अिधकारी काे रखा गया है.
अधिकारियों ने यह बतायी थी बस चलाने में समस्या
डबल डेकर एसी बसों को पटना के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल के लिए चलना था. सभी पर्यटन स्थलों तक चलाने में बिजली के पोल बाधक बन रहे थे, लेकिन जब डबल डेकर बसों की खरीद की बात चल रही थी, तो सड़कों पर उन्हें चलाने में क्या परेशानी हो सकती है, इसको लेकर कोई जिक्र नहीं किया गया था. यह महज अधिकारियों की लापरवाही थी. इस कारण से एक बस खराब हो गयी, तो दो बसों का आजतक पता ही नहीं चल पाया.
सीटों की संख्या 45 से घटाकर 28 कर दी गयी थी
डबल डेकर बस में लगभग 45 सीटें थीं. नीचे में 20 और ऊपर में 25 सीटें. एमवीआइ की आपत्ति के बाद सीटों की संख्या घटाकर 28 कर दी गयी थी. इसकी ऊंचाई 17 फुट थी.
एक बस आयी भी, तो गैरेज में पड़ी-पड़ी सड़ गयी
दरअसल, बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम के माध्यम से 2012 में पर्यटकों को सैर कराने के लिए तीन बसें खरीदी गयी थीं. खरीदी गयी डबल डेकर एसी बसें छह साल में भी बनकर तैयार नहीं हो पायी हैं.
एक बस की 2014 में बॉडी तैयार हुई, लेकिन वह गैरेज में पड़ी-पड़ी सड़ गयी. क्योंकि जब उसे चलाने की बात हुई, तो अधिकारियों को लगा कि बस की ऊंचाई अधिक है. इसके बाद अधिकारी भूल गये कि दो और एेसी बसें मानेसर में तैयार हो रही हैं.
अब तक Rs 25 लाख का नुकसान सूद समेत राशि वसूलने का आदेश
2018 तक जब दोनों बसें पटना नहीं आयीं, तो लोकायुक्त ने मामले का संज्ञान लेते हुए कहा कि बसों की खरीद के बाद उन्हें यात्रियों के बैठने लायक बनाने में अब तक 25 लाख रुपये का नुकसान हुआ है. लोकायुक्त ने सूद समेत यह राशि वसूलने को कहा है. साथ ही अधिकारियों को दोनों बसों का स्थल निरीक्षण करने और 25 अप्रैल तक इसकी रिपोर्ट देने को कहा, ताकि यह पता चल सके कि वे बसें वहां बनी भी हैं या नहीं.
लोकायुक्त के निर्देश पर बनायी गयी तीन सदस्यीय टीम, टीम में निगरानी के एक अधिकारी, एक डीएसपी और एमवीआइ हैं शामिल
चेचिस खरीदने के बाद
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement