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पटना : लाखों खर्च कर पहले भी हो चुका है दौरा, नहीं सुधरे हालात

पटना : शहर में बेहतर ठोस कचरा प्रबंधन, निगम के तहत पूरी होने वाली योजनाएं, योजनाओं के क्रियान्वयन में पार्षदों की भूमिका आदि को लेकर समय-समय पर जनता के लाखों रुपये खर्च कर निगम के पार्षद देश के आदर्श नगर निगमों में जाकर स्टडी करते हैं और लौटने के बाद मेयर व नगर आयुक्त को […]

पटना : शहर में बेहतर ठोस कचरा प्रबंधन, निगम के तहत पूरी होने वाली योजनाएं, योजनाओं के क्रियान्वयन में पार्षदों की भूमिका आदि को लेकर समय-समय पर जनता के लाखों रुपये खर्च कर निगम के पार्षद देश के आदर्श नगर निगमों में जाकर स्टडी करते हैं और लौटने के बाद मेयर व नगर आयुक्त को रिपोर्ट भी देते हैं. लेकिन, यह रिपोर्ट फाइलों में ही दबी रह जाती है. अब फिर पार्षदों को स्टडी टूर पर भेजने की योजना बनायी जा रही है. इसको लेकर नामचीन टूर एंड ट्रेवल्स एजेंसियों से संपर्क किया जा रहा है. ताकि, 15 जनवरी के बाद देश के सात आदर्श नगर निगमों की स्टडी टूर के दौरान दिक्कत नहीं हो सके.
भ्रमण पर खर्च किये जायेंगे 37.5 लाख: नगर निगम में पार्षदों की संख्या 75 हैं, जिसमें मेयर व डिप्टी मेयर भी शामिल हैं. वहीं, महिला पार्षदों की संख्या 49 हैं. इन सभी पार्षदों की सात ग्रुप बनायी जायेगी, जो सूरत, अहमदाबाद, भोपाल सहित सात आदर्श नगर निगमों की स्टडी टूर करेंगे. इन टूर के दौरान महिला पार्षदों के साथ उनके पति को जाने का प्रावधान किया गया है. टूर में एक पार्षद पर 50 हजार खर्च किये जायेंगे. यानी टूर पर 37.5 लाख खर्च किये जायेंगे.
आदर्श निगमों की कार्यप्रणाली का करेंगे स्टडी : निगम के पार्षदों की सात टीमें अलग-अलग आदर्श निगमों का अध्ययन करेंगे. इस दौरान शहर की सफाई व्यवस्था, योजनाओं के क्रियान्वयन, योजनाओं के क्रियान्वयन में पार्षदों की भूमिका, योजनाओं की गुणवत्ता की निगरानी आदि जानकारी लेंगे. निगम से संबंधित जानकारी लेने में पार्षदों को परेशानी नहीं हो, इसको लेकर नगर आयुक्त के स्तर पर संबंधित निगम के नगर आयुक्त से संपर्क कर व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी. स्टडी टूर से लौटने के बाद प्रत्येक ग्रुप रिपोर्ट तैयार कर मेयर को सौंपेंगे. रिपोर्ट पर विचार-विमर्श के बाद नगर निगम में लागू किया जायेगा.
इंदौर के टूर पर गये थे डिप्टी मेयर
वर्ष 2016 में डिप्टी मेयर की अध्यक्षता में निगम अधिकारियों की टीम इंदौर नगर निगम की सफाई व्यवस्था व कार्यप्रणाली का अध्ययन करने गयी थी.
इस टूर पर पांच लाख खर्च किये गये थे. एक सप्ताह तक इंदौर शहर में रहकर शहर की साफ-सफाई, रिसाइकलिंग प्लांट, पार्षदों की भूमिका, योजनाओं के क्रियान्वयन आदि प्रक्रियाओं का अध्ययन किया गया. इंदौर से लौटने के बाद रिपोर्ट तैयार कर मेयर व नगर आयुक्त को सौंपी भी गयी. इस रिपोर्ट के आधार पर रात्रिकालीन सफाई व्यवस्था और कूड़ा प्वाइंटों पर डस्टबिन रखने की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी. लेकिन, ज्यादा दिनों तक यह व्यवस्था कायम नहीं रह सकी.
विदेश भ्रमण कर चुके हैं अधिकारी : स्मार्ट सिटी के तहत राजधानी में ट्रैफिक कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम, स्मार्ट सड़क, एरिया बेस डेवलपमेंट, स्मार्ट क्लाॅसेस, ठोस कचरा प्रबंधन आदि योजनाएं पूरी करनी है.
इस योजनाओं को धरातल पर उतारने को लेकर 15 से 20 लाख खर्च कर तत्कालीन प्रमंडलीय आयुक्त, नगर आयुक्त, नगर मुख्य अभियंता की टीम ने तीन-चार देशों का भ्रमण किया, ताकि योजनाओं को ठीक तरीके से क्रियान्वयन किया जा सके. लेकिन, भ्रमण से लौटने के एक-डेढ़ माह के भीतर ही सभी अधिकारियों का स्थानांतरण कर दिया गया.

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