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पटना : स्लिम बनने के चक्कर में बीमार हो रहीं छात्राएं, हेल्थ कैंप में 60% छात्राएं अनफिट
जूही स्मिता पटना : आज के युवा स्लिम-ट्रिम दिखना चाहते हैं. इसके लिए कोई जिम जा रहा है, तो कोई डायटिंग कर कर रहा है. इनमें लड़कियां कुछ ज्यादा ही फोकस्ड हैं. लेकिन इस चक्कर में वे ऊपर से फिट तो लग रही हैं, पर वे शारीरिक तौर से कमजोर हैं. हाल ही में मगध […]
जूही स्मिता
पटना : आज के युवा स्लिम-ट्रिम दिखना चाहते हैं. इसके लिए कोई जिम जा रहा है, तो कोई डायटिंग कर कर रहा है. इनमें लड़कियां कुछ ज्यादा ही फोकस्ड हैं. लेकिन इस चक्कर में वे ऊपर से फिट तो लग रही हैं, पर वे शारीरिक तौर से कमजोर हैं.
हाल ही में मगध महिला कॉलेज में हेल्थ कैंप और ब्लड डोनेशन कैंप का आयोजन किया गया, जिसमें अधिकतर छात्राओं में खून की कमी, अंडरवेट, यूरिक एसिड का उच्च स्तर, ओस्टियोपीनिया और ओस्टियोपोरोसिस देखने को मिला. इन सभी की उम्र 18 से 23 साल है. ब्लड डोनेशन कैंप में 100 में से 60 छात्राओं में हीमोग्लोबिन का स्तर कम पाया गया. डॉक्टरों ने बताया कि पहले बीमारियां 30 वर्ष की उम्र के बाद देखने को मिलती थीं, लेकिन आज कम उम्र में ही देखने को मिल रही हैं. बोन मिनरल डेंसिटी टेस्ट(बीएमडी) में अधिकतर छात्राओं में ओस्टियोपीनिया व ओस्टियोपोरोसिस पाया गया.
शरीर में कमजोरी, सरदर्द, जोडों में दर्द आदि इसके शुरुआती लक्षण हैं. बीएमडी स्कोर के लिहाज से अगर आपका टी स्कोर -1 है तो आप का बोन नॉर्मल है. अगर टी स्कोर -1.1 से लेकर -2.4 है तो ओस्टियोपीनिया और इससे ज्यादा हुआ तो ओस्टियोपोरोसिस है. इसमें डॉक्टर कैल्शियम और खान-पान का खास ख्याल रखने की बात करते हैं.
क्या है कारण
आज लड़कियां अपनी फिगर को लेकर जरूरत से ज्यादा चिंतित रहती हैं और अपनी डायट का ख्याल नहीं रख रही हैं. इस वजह से वे अनफिट होती जा रही है.
साथ ही वे बाहर का खाना व जंक फूड को ज्यादा पसंद करती हैं, जिससे शरीर को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, कैल्शियम व अन्य पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं. डॉक्टर बताते हैं कि आज बच्चों में दूध पीने का चलन नहीं रह गया है. सूर्य की किरण में विटामिन डी होता है, लेकिन आजकल लोग धूप से बचते हैं. इससे हड्डियां कम उम्र में ही कमजोर हो जाती हैं.
मगध महिला कॉलेज की उर्दू ऑनर्स की छात्रा इफ्रा रसीद ने बताया कि कॉलेज में हेल्थ कैंप में टेस्ट के बाद पता चला कि मेरा यूरिक एसिड 7.0 है, जो नॉर्मल से ज्यादा है. डॉक्टर ने सलाह दी है कि प्रोटीनयुक्त खाना खाना बंद कर दूं.
दवा भी लेने की सलाह दी है. वहीं, अंग्रेजी ऑनर्स की छात्रा स्तुति शर्मा ने बताया कि मुझे बॉडी पेन के अलावा ज्वाइंट पेन की शिकायत रहती थी. मुझे लगता था कि कॉलेज आने-जाने की वजह से ऐसा हो रहा है. लेकिन जब कॉलेज में लगे हेल्थ कैंप में बीएमडी टेस्ट करवाया तो पता चला मुझे ओस्टियोपीनिया है. डॉक्टर ने एक्सरसाइज के साथ प्रॉपर डायट व रोजाना दूध लेने की सलाह दी है.
छात्राओं में खून की कमी और ओस्टियोपोरोसिस व ओस्टियोपीनिया का मुख्य कारण आहार में प्रोटीन, आयरन व कैल्शियम की कमी है. प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे अंडा, मछली, दूध, पत्तेदार सब्जियां, ड्राई फ्रूट्स को आहार में शामिल करें.
-डॉ रुपाली, डायटिशियन
विटामिन डी की कमी से ओस्टियोपोरोसिस हो रहा है. नियमित दूध पीने का प्रचलन समाप्त हो चुका है और पेट जंक फूड व फास्ट फूड से भरने लगा है. कैल्शियम के साथ नियमित एक्सरसाइज करने की जरूरत है.
-डॉ खुर्शीद आलम, हड्डी रोग विशेषज्ञ
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