पटना : माकपा विधायक अभिजित सरकार हत्या मामले में हाल ही पटना उच्च न्यायालय द्वारा बरी किए गए पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने अपने चुनाव लडने के बारे में आज कहा कि जनता तय करेगी कि वे अगला लोकसभा चुनाव कहां से लडेंगे.
पटना में आज पत्रकारों को संबोधित करते हुए पप्पू ने अपने चुनाव लडने के बारे में कहा कि इस बारे में जनता तय करेगी वे अगला लोकसभा चुनाव कहां से लडेंगे. उन्होंने कहा कि अभी उनकी प्राथमिकताओं में चुनाव लडना नहीं बल्कि आने वाले समय में उनकी कोशिश होगी कि उन राजनीतिक दलों और राजनेताओं, जिन्होंने अब तक जनता को ठगने का काम किया है, के खिलाफ सीमांचल और उत्तरी बिहार के लोगों को एकजुट किया जाये.
बिहार के मधेपुरा, अररिया, खगडिया, सीतामढी आदि स्थानों से अपने चुनाव लडने की संभावना जताते हुए पप्पू ने कहा कि उनके लिए चुनाव लडना किसी स्थान विशेष का नाम नहीं है बल्कि इस बारे में जनता तय करेगी कि उन्हें कहां से चुनाव लडना है. अगला लोकसभा चुनाव क्या कोई नया दल बनाकर या फिर निर्दलीय लडने का इरादा रखने के बारे में पूछे जाने पर पप्पू ने कहा कि वे एक मजबूत नेतृत्व और मंच के साथ चुनावी मैदान में उतरेंगे. कांग्रेस में शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर पप्पू ने कहा कि उनकी पत्नी और पूर्व सांसद रंजिता रंजन वर्तमान में उस दल में हैं और उनके बारे में कोई भी निर्णय पार्टी नेतृत्व द्वारा किया जाना है. अपने को तंत्र और पूंजीपतियों द्वारा सताया हुआ बताते हुए पप्पू ने कहा कि वे आगामी छह जून से आशीर्वाद यात्र पर निकल रहे हैं जिसकी शुरुआत वे पूर्णिया जिले से करेंगे.
यह पूछे जाने पर क्या उनके द्वारा छेडा जाने वाला आंदोलन बिहार में वर्तमान में सत्तासीन पार्टी जदयू के खिलाफ होगा, पप्पू ने कहा कि वे न तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और न ही राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के खिलाफ हैं बल्कि व्यवस्था और प्रशासन द्वारा जो भय का वातावरण उत्पन्न किया गया है, वे उसके विरोध में यात्र पर निकालेंगे. भविष्य में नीतीश या लालू के साथ जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उनकी किसी से दुश्मनी नहीं. उन्होंने कहा कि जो बिहार और प्रदेश की जनता के हित में काम करेगा, वे उसके साथ हैं. उल्लेखनीय है कि माकपा विधायक अजित सरकार हत्या मामले में आरोपी मधेपुरा से पूर्व सांसद पप्पू यादव जो कि तीन बार पूर्णिया और एक बार मधेपुरा संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, को वर्ष 2008 में पटना स्थित सीबीआई की एक विशेष अदालत द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद पप्पू वर्ष 2009 का लोकसभा चुनाव लडने से वंचित हो गए थे.
पप्पू ने कहा कि जेल में अपनी बंदी के दौरान उन्होंने अपनी जीवनी पर ‘द्रोहकाल के पथिक’ नामक एक पुस्तक लिखी है जिसका लोकार्पण आगामी जुलाई में होगा. उन्होंने कहा कि मार्च 2014 के पूर्व उनकी जीवनी पर एक फिल्म भी बनकर आएगी. पप्पू ने जेल के भीतर रहने वालों से सरकार और समाज द्वारा दूसरे दर्जा का नागरिक की तरह व्यवहार किए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश की आजादी से अबतक किसी सरकार ने जेल की स्थिति में सुधार की दिशा में ठोस पहल नहीं की. जेल के भीतर शरीर के साथ-साथ विचार, मन और दिल पर पहरा होने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जेल सुधार गृह के बजाए बिगाड गृह है. उन्होंने कहा कि जेल में बंद 80 प्रतिशत लोग राजनीतिक, सामाजिक और निजी कारणों से वहां हैं और गलत काम करके वहां पहुंचे मात्र 20 प्रतिशत लोग हैं. पप्पू ने कहा कि जेल और न्यायिक प्रक्रिया पर वह अलग-अलग पुस्तकें लिख रहे हैं जो आगामी नवंबर महीने में प्रकाशित होंगी.