पटना: धोखाधड़ी के मामले में फरार बोरिंग रोड स्थित सीमेज संस्थान के निदेशक नीरज कुमार अग्रवाल को गांधी मैदान पुलिस ने बेली रोड से गिरफ्तार किया है. संस्थान के निदेशक पर पिछले दिनों सीमेज के छात्रों ने धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज की थी.
छात्रों ने आरोप लगाया था कि दाखिला नहीं लेनेवाले कोर्सो का भी फॉर्म बेच दिया, साथ ही जिस कोर्स में छात्र-छात्राओं ने नामांकन लिया, उन्हें बिना सूचना दिये उनका कोर्स बदल दिया गया. गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है. गांधी मैदान थानाध्यक्ष आर के शर्मा ने बताया कि कोर्ट से वारंट निकलने के बाद सीमेज संस्थान के निदेशक को पकड़ा गया है.
पिछले वर्ष मगध विश्वविद्यालय के कई कोर्सो में दाखिला पर रोक लगा दी थी. इसके बावजूद मगध विश्वविद्यालय से एफिलिएटेड सीमेज कॉलेज ने प्रतिबंधित कोर्सो का फॉर्म बेचा और 32 छात्र-छात्रओं का नामांकन बीएमसीए कोर्स में लिया. अब इन छात्र-छात्रओं को कोर्स बदलने के लिए निदेशक की ओर से दबाव डाला गया, तो छात्र-छात्रओं ने थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी.
19 लाख की हुई अवैध वसूली
बीएमसीए कोर्स में 32 छात्र-छात्रों का नामांकन लिया, जिसका सत्र 2013-16 है. इन छात्रों ने एक वर्ष की पढ़ाई पूरी की, तो अब कोर्स बदला जा रहा है. बीएमसीए में नामांकन लिये एक विद्यार्थी से अब तक 60 हजार रुपये लिये जा चुके हैं. इस तरह 19 लाख 20 हजार रुपये की वसूली की गयी है. बीएमसीए में नामांकन लिये छात्रों को बोला जा रहा है कि रुपया वापस नहीं होगा. कोर्स बदलना है, तो बदल लो.
छात्रों ने किया हंगामा
मंगलवार को बीएमसीए के छात्र समीर और मेराज ने कोर्स की फी की राशि मांगने निदेशक नीरज अग्रवाल के पास पहुंचा, तो नीरज ने धमकी देते हुए कहा कि रुपया नहीं लौटेगा. डॉक्यूमेंट लेना है, तो वापस ले लो. इस पर समीर ने हंगामा करना शुरू कर दिया. हालांकि समीर को फी वापस नहीं किया गया है. जानकारी के अनुसार एक छात्र ने बताया कि अब तक सात छात्र-छात्रों को फीस की राशि लौटायी गयी है. शेष छात्र-छात्रओं को राशि नहीं लौटायी जा रही है.