3 घंटे के बाद राजद के 5 सदस्यों का निलंबन वापस
पटना : बिहार विधानसभा और विधान परिषद की दिन भर की कार्यवाही विपक्ष के हंगामे के कारण चंद मिनटों में ही सिमट गयी. इसके चलते दोनों सदनों में विधायी कार्य बाधित रहा.
उधर राजद के सदस्यों के हंगामे के कारण विधान परिषद के कार्यकारी सभापति हारुण रसीद ने राजद के पांच सदस्यों को दो दिनों के लिए निलंबित कर दिया.
हालांकि, तीन घंटे के विरोध, प्रदर्शन और नारेबाजी के बीच विधान परिषद के कार्यकारी सभापति ने हारुण रसीद ने राजद के पांचों सदस्यों का निलंबन वापस ले लिया. राजद सदस्यों के निलंबन के बाद विधान परिषद में राजनीतिक घटनाक्रम के दौरान विपक्ष द्वारा इसके विरोध में हंगामा किया गया.
राजद विधानमंडल दल की नेता राबड़ी देवी के नेतृत्व में वेल में धरने पर बैठ गये. इधर राजद सदस्यों के निलंबन की सूचना पाने के बाद विरोधी दल के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव सहित राजद के विधायक, कांग्रेस व वाम दलों के विधायक विधान परिषद के बाहर धरने पर रात तक बैठे रहे. बुधवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही राजद के सदस्य सीबीआई के दुरुपयोग को लेकर सदन के अंदर हंगामा व नारेबाजी की.
विपक्ष के सदस्य हाथ में तख्ती लिये वेल में सरकार विरोधी नारे लगा रहे थे. विपक्षी सदस्यों के हंगामे को लेकर आसन की ओर से शांति बनाकर अपनी बात रखने का सुझाव दिया गया. विपक्ष के रवैये को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने सदन की पहली पाली की कार्यवाही चार मिनटों के बाद स्थगित कर दी. इस दौरान सदन में प्रश्नकाल नहीं चला.
सदस्यों के अल्पसूचित, तारांकित और ध्यानाकर्षण भी नहीं पूछे जा सके. भोजनवकाश के बाद जैसे ही सदन की बैठक आहूत हुई कि फिर विपक्ष के सदस्य वेल में आकर सीबीआइ के दुरुपयोग के मुद्दे पर हंगामा करने लगे.
इधर विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने हंगामे के बीच औद्योगिक विवाद (संशोधन विधेयक) 2018 को पारित कराया. दूसरी पाली में सदन की कार्यवाही महज 10 मिनट के बाद गुरुवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी.
इधर विधान परिषद में भी राजद द्वारा सीबीआइ के दुरुपयोग को लेकर कार्यस्थगन प्रस्ताव दिया गया. आसन की ओर से इसे अमान्य करने के बाद विपक्षी सदस्य वेल में आकर हंगामा करने लगे. दूसरी पाली में जैसे ही विधान परिषद की कार्यवाही शुरू हुई राजद के पांच सदस्यों के हंगामा के बाद उनको दो दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया. इसके विरोध में राबड़ी देवी वेल में आ गयी और राजद सदस्यों के साथ धरने पर वेल में बैठ गयी.
इसकी सूचना जैसे ही अन्य विपक्षी सदस्यों को मिले वह विधान परिषद पहुंचने लगे. विधानसभा में विरोधी दल के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव के नेतृत्व में पूरा विपक्ष परिषद के गेट पर तब तक बैठा रहा जब तक कि निलंबन वापस नहीं लिया गया.