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पटना : अब रेरा वेबसाइट पर दिखेंगी किस बिल्डर के प्रोजेक्ट के खिलाफ हैं कितनी शिकायतें
बिल्डरों द्वारा जमा कराये गये ब्योरे का कार्यालय जाकर होगा मिलान पटना : रियल इस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से बिहार रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) ने बिल्डरों व डेवलपरों के खिलाफ आने वाली शिकायतों को पब्लिक डोमेन पर डालने का फैसला किया है. किस बिल्डर या किस प्रोजेक्ट के खिलाफ कितनी शिकायतें […]
बिल्डरों द्वारा जमा कराये गये ब्योरे का कार्यालय जाकर होगा मिलान
पटना : रियल इस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से बिहार रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) ने बिल्डरों व डेवलपरों के खिलाफ आने वाली शिकायतों को पब्लिक डोमेन पर डालने का फैसला किया है.
किस बिल्डर या किस प्रोजेक्ट के खिलाफ कितनी शिकायतें दर्ज हुई हैं, ग्राहक अब इसे सीधे रेरा की वेबसाइट पर देख सकेंगे. रेरा सदस्य राजीव भूषण सिन्हा ने बताया कि रेरा के पास आने वाली तमाम शिकायतें वेबसाइट पर डाली जायेंगी, ताकि ग्राहक इसके आधार पर डेवलपर-प्रोजेक्ट को लेकर राय बना सकें.
जमा कराये ब्योरे का कार्यालय जाकर होगा मिलान : रेरा अब बिल्डर या डेवलपरों द्वारा प्रोजेक्ट से संबंधित जमा कराये कागजातों का मिलान भी करेगा. इसके लिए रेरा अध्यक्ष व सदस्यों का फील्ड विजिट कार्यक्रम शुरू होगा.
आम तौर पर बिल्डरों द्वारा जमा कराये गये कागजातों की कार्यालय में ही स्क्रूटनी हो जाती है. इसका फायदा उठाते हुए कई बिल्डर गलत कागजात भी जमा करा देते हैं. कागजातों के मिलान से ऐसी शिकायतों को भी दूर किया जा सकेगा.
प्रमंडलों में खुलेंगे शाखा कार्यालय
प्रमंडलों में भी रेरा के शाखा कार्यालय खोलने पर विचार हो रहा है. फिलहाल महज एक कार्यालय होने की वजह से रेरा की गतिविधियां आमतौर पर मुख्यालय तक ही सीमित हो जाती हैं. जिलों से रियल इस्टेट संबंधित फीडबैक सुलभ नहीं हो पाते.
इसका फायदा उठाते हुए रियल इस्टेट कंपनियां बगैर रजिस्ट्रेशन प्रोजेक्ट चलाने के साथ ही बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन भी करती हैं. नगर निकायों की सुस्ती के चलते उन पर कार्रवाई संभव नहीं हो पाती. प्रमंडलों में कार्यालय होने से ऐसे प्रोजेक्ट पर निगरानी आसान होगी.
सात डेवलपर्स के नौ प्रोजेक्टों को नोटिस
रेरा ने शुक्रवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए सात डेवलपर्स के नौ प्रोजेक्ट्स को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इन डेवलपर्स पर आरोप है कि उन्होंने प्रोजेक्ट्स का रजिस्ट्रेशन कराये बगैर उनका प्रचार-प्रसार या बिक्री की.
जिन प्रोजेक्ट्स को नोटिस दी गयी है, उनमें बादल कंस्ट्रक्शंस का वैशाली इंक्लेव आनंदपुरी, बालाजी कुंज पटना व वरुण बिहार शिवपुरी, विराट होम्स इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड का फ्यूचर सिटी बिहटा, अस्थल प्रोपर्टीज प्रा. लि. का ड्रीम वैली बभनपुरा पटना, ब्रिक्स इस्टेट प्रा लि. का साईं मोती लाल इंक्लेव हाथीखाना दानापुर आिद शामिल हैं.
मैनपावर की कमी से नहीं मिली निजात
रेरा को अब तक मैनपावर की कमी से निजात नहीं मिल सकी है. इस समस्या को लेकर प्राधिकार ने करीब छह-सात महीने पहले ही नगर विकास विभाग को चिट्ठी लिखी थी, लेकिन इस पर अब तक कोई निर्णय नहीं हो सका है.
इसकी वजह से रियल इस्टेट प्रोजेक्टों की निगरानी के साथ ही रजिस्ट्रेशन के आवेदनों की जांच व कार्रवाई में भी विलंब हो जा रहा है. नगर विकास एवं आवास विभाग के अधिकारियों की मानें तो मामला कैबिनेट के स्तर पर लंबित है और जल्द ही इसका निदान होगा.
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