पटना : सूबे के सात सीमावर्ती जिलों में विकास कार्यो की जांच थर्ड पार्टी द्वारा करायी जायेगी. इससे पहले केंद्र के सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत कार्यो की जांच एडीएम स्तर के अधिकारी करते थे. थर्ड पार्टी कोई निजी या सार्वजनिक कंसल्टेंसी कंपनी हो सकती है. थर्ड पार्टी से जांच कराने का उद्देश्य कार्यो की गुणवत्ता व प्राक्कलन का अनुपालन की सही जानकारी हासिल करना है.
वहीं बेसलाइन सर्वे के आधार पर सीमावर्ती जिलों में कार्ययोजना बनेगी. सूबे में वर्ष 2000 से शुरू इस कार्यक्रम में सूबे में बेसलाइन सर्वे पर कार्ययोजना नहीं बनती थी. लोगों की तात्कालिक जरूरतों को जानने के लिए बेसलाइन सर्वे की जायेगी. सौ फीसदी केंद्रीय अनुदानवाले इस कार्यक्रम के तहत शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, समाज कल्याण व आधारभूत संरचना संबंधित योजना क्रियान्वित की जाती है. साथ ही कार्य योजना संबंधी मंजूरी के लिए भी समय-सीमा तय कर दी गयी है.
इसमें सहायक अभियंता से प्रधान सचिव स्तर तक से मंजूरी के लिए पांच से पंद्रह दिनों का समय तय है. मालूम हो कि सूबे के सात जिलों पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, अररिया, सुपौल व किशनगंज में केंद्रीय गृह मंत्रलय के सीमा प्रबंधन विभाग द्वारा यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है. योजना राशि सीधे योजना व विकास विभाग को प्राप्त होता है. इस योजना में प्रत्येक जिले के लिए एक वेबसाइट तैयार की जायेगी.