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पटना : पांच जिलों की लापरवाही से अटकी साइकिल-पोशाक योजना

छात्र-छात्राआें को अब तक साइकिल-पोशाक व छात्रवृत्ति योजना के पैसे नहीं मिले पटना : राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को चालू शैक्षणिक वर्ष के दौरान अब तक साइकिल-पोशाक और छात्रवृत्ति योजना के रुपये नहीं मिले हैं. फिलहाल इसके मिलने में करीब एक महीने की देरी के आसार दिख रहे हैं. इसकी मुख्य […]

छात्र-छात्राआें को अब तक साइकिल-पोशाक व छात्रवृत्ति योजना के पैसे नहीं मिले
पटना : राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को चालू शैक्षणिक वर्ष के दौरान अब तक साइकिल-पोशाक और छात्रवृत्ति योजना के रुपये नहीं मिले हैं. फिलहाल इसके मिलने में करीब एक महीने की देरी के आसार दिख रहे हैं.
इसकी मुख्य वजह सभी जिलों से साइकिल-पोशाक समेत अन्य योजनाओं में छात्रों की सही संख्या से संबंधित रिपोर्ट प्राप्त नहीं होना है. पांच जिलों की लापरवाही के कारण इस योजना की समेकित रिपोर्ट तैयार नहीं हो पा रही है. जिन जिलों ने छात्रों की उपस्थिति से संबंधित रिपोर्ट नहीं भेजी है, उसमें वैशाली, बक्सर, भोजपुर, सीतामढ़ी और जमुई शामिल हैं.
इन जिलों ने अब तक अपने-अपने यहां के माध्यमिक स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की 75 फीसदी उपस्थिति से संबंधित रिपोर्ट नहीं भेजी है. छात्रों की संख्या को लेकर सभी जिलों से रिपोर्ट प्राप्त नहीं होने की वजह से इसकी समेकित रिपोर्ट विभागीय स्तर पर तैयार नहीं हो पा रही है. इससे अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इन योजनाओं में कितने छात्रों के लिए राशि जारी करने की जरूरत इस बार है. छात्रों की सटीक संख्या का आकलन नहीं होने से राशि का आवंटन भी नहीं हो पाया है.
इस वजह से इस बार योजना से छात्रों को लाभ मिलने में देरी हो सकती है. शिक्षा विभाग ने रिपोर्ट नहीं भेजने वाले जिलों को सख्त हिदायत दी है कि वे जल्द से जल्द रिपोर्ट भेज दें. गौरतलब है कि 23 अक्टूबर तक ही सभी जिलों को छात्रों की उपस्थिति की रिपोर्ट भेजने के लिए अंतिम तारीख निर्धारित की गयी थी. लेकिन अंतिम तारीख बीतने के बाद भी अब तक कुछ जिलों ने रिपोर्ट नहीं भेजी है. इस बार कई जिलों ने छात्रों की उपस्थिति से संबंधित जो आंकड़ा भेजा है, उसमें भी गड़बड़ी है.
विभागीय स्तर पर हो रही समीक्षा
इसकी विस्तृत समीक्षा विभागीय स्तर पर की जा रही है. कई जिलों ने छात्रों से जुड़ा जो आंकड़ा विभाग को भेजा है, वह पूरी तरह सटीक नहीं है.
इस बार विभाग की तरफ से सभी जिलों को इस बात के सख्त निर्देश जारी किये गये थे कि वे सभी नामांकित छात्रों का नाम नहीं भेजें. सिर्फ उन्हीं छात्रों का नाम योजना का लाभ लेने के लिए भेजें, जिनकी वास्तविकता में क्लास में उपस्थिति रही है. क्योंकि हाल में हुए कई औचक निरीक्षण के दौरान राज्य के किसी माध्यमिक स्कूलों में 30 फीसदी से ज्यादा की उपस्थिति नहीं पायी गयी थी.
इस आधार पर इस बार पिछले वर्षों की तुलना में साइकिल-पोशाक और छात्रवृत्ति पाने वाले छात्रों की संख्या कम होने की संभावना व्यक्त की जा रही है.

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