पटना: राज्य में शहरों के सुव्यवस्थित ढंग से विकसित करने के लिए आवश्यक बिल्डिंग बाइलॉज की फाइल एक बार फिर नगर विकास विभाग पहुंच गयी है. बाइलॉज की मंजूरी के लिए बनी चार फाइलों में से तीन अब भी विभिन्न विभागों में चक्कर काट रही हैं.
14 दिसंबर, 2013 को इसके प्रारूप का प्रकाशन किया गया था और नगर विकास विभाग ने 20 दिसंबर को इस पर लोगों से 10 दिनों के अंदर मंतव्य व सुझाव मांगे थे. इस पर पब्लिक की ओर से कई सुझाव भी आये, वहीं विभाग ने नेशनल बिल्डिंग बाइलॉज को आधार बना कर तैयार किये गये बाइलॉज को अंतिम रूप दे दिया था, जिसकी चार प्रतियां उच्च स्तर पर भेजी गयी थीं. इनमें मुख्यमंत्री सचिवालय, विभागीय मंत्री, विधि विभाग व वित्त विभाग शामिल हैं. इनमें से वित्त विभाग ने फाइल को क्लियर करते हुए इसे नगर विकास विभाग को वापस कर दिया था.
निर्माण कार्य ठप
इधर, बाइलॉज के अभाव में शहरों में निर्माण कार्य पूरी तरह से ठप पड़ा है. अपार्टमेंट निर्माण के कार्य बंद हैं. बिल्डर सहित आम नागरिक भी इसका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. इसके कारण ही महानगर योजना और पटना मेट्रो रेल परियोजना भी अटकी पड़ी है. पहली बार तैयार कराये गये बाइलॉज में सबसे अधिक सुरक्षा पर जोर है. कोशिश है कि ऐसा कोई भी भवन न बने, जिससे आपदा की स्थिति में जोखिम हो.
जोखिम को सबसे कम करने पर जोर दिया गया. बाइलॉज में सबसे अधिक पेच फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) को लेकर थी. एफएआर में कॉरपेट एरिया, खाली क्षेत्र व खुला क्षेत्र का अनुपात निर्धारित करना था. फिर पुराने शहरों में निर्माण व पुराने भवनों के जीर्णोद्धार को लेकर कुछ अड़चनें थीं. इस संबंध में नगर विकास एवं आवास मंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि विभाग की प्राथमिकता है कि इस माह में ही बिल्डिंग बाइलॉज और पटना महानगर योजना को अंतिम रूप दे दिया जाये. इसको लेकर जिन विभागों से सहमति लेने की आवश्यकता है, वहां से इसकी अनुमति दो सप्ताह के अंदर ले ली जायेगी. मुख्यमंत्री के स्तर पर इसके अनुमोदन हो जाने के बाद इसे कैबिनेट से स्वीकृति के लिए भेज दिया जायेगा.