पटना : बिक्रम प्रखंड क्षेत्र की पतुत पंचायत में मुखिया और पंचायत सचिव की मिलीभगत से कबीर अंत्येष्टि योजना में सरकारी राशि के गबन का मामला सामने आया है. इसका खुलासा आरटीआई से हुआ है. सरकार द्वारा बीपीएल परिवार के सदस्य के निधन के बाद कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत राशि देने का प्रावधान है. मगर मुखिया और सचिव ने मृतक के परिजनों को पैसा दिये बगैर उनके नाम से राशि उठा ली. मामले में मुखिया और सचिव पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है. आरटीआई कार्यकर्ता उदय साव ने लोक सूचना अधिकारी अधिनियम के तहत पतुत पंचायत के वित्त वर्ष 2007-08 से 2012-13 के बीच कबीर अंत्येष्टि योजना के लाभुकों की सूची मांगी थी. मिली जानकारी में ऐसे कई लोगों के नाम थे, जिनके परिजनों को राशि नहीं मिली थी.
सरकारी राशि के गबन की शिकायत अनुमंडलाधिकारी पालीगंज से आरटीआई कार्यकर्ता उदय ने लिखित रूप से की. उनकी शिकायत पर अनुमंडलाधिकारी ने जांच के क्रम में स्वर्गीय भूखल मोची, स्व. सोनू नट, स्व. मिंटू मोची, स्व. तारकेश्वर भगत, स्व. सत्येंद्र महतो, स्व. बलि यादव, स्व. द्वारिका वर्मा, स्व. दुखित महतो, स्व. ललन पासवान, स्व. महंगू मोचो सहित बीस के नाम सूची में मिले. लेकिन, इनके परिजनों को इस योजना का लाभ नहीं मिला है. साथ ही ऐसे पांच लोगों के नाम पर भी राशि की निकासी की गयी, जो उक्त पंचायत के निवासी भी नहीं थे.
जांच के बाद तत्कालीन मुखिया मुन्ना चौधरी, सुशील पासवान, तत्कालीन पंचायत सचिव जयराम सिंह यादव एवं लक्ष्मीकांत तिवारी सहित चार लोगों पर रानी तालाब थाने में कांड संख्या 88/18 मामला दर्ज किया गया. पूर्व मुखिया मुन्ना चौधरी फिलहाल रेलवे में कार्यरत हैं. वहीं, पंचायत सचिव रिटायर हो चुके हैं. रानी तालाब थानाध्यक्ष ने कहा कि इस मामले में चार लोगों पर धारा 420 सहित अन्य धाराएं दर्ज की गयी हैं. पुलिस आरोपित की गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी कर रही है.