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पटना : मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने की अपील, ईवीएम की फर्स्ट लेवल चेकिंग में सभी दलों के प्रतिनिधि हों शामिल
पटना : मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एचआर श्रीनिवास ने ईवीएम की फर्स्ट लेवल चेकिंग (एफएलसी) में सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को अनिवार्य रूप से भाग लेने की अपील की है. उन्होंने कहा कि सोमवार से सभी जिलों में ईवीएम की एफएलसी प्रारंभ हो गयी है. इसलिए बेहतर होगा कि राजनीतिक दलों के जिला स्तरीय प्रतिनिधि […]
पटना : मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एचआर श्रीनिवास ने ईवीएम की फर्स्ट लेवल चेकिंग (एफएलसी) में सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को अनिवार्य रूप से भाग लेने की अपील की है. उन्होंने कहा कि सोमवार से सभी जिलों में ईवीएम की एफएलसी प्रारंभ हो गयी है.
इसलिए बेहतर होगा कि राजनीतिक दलों के जिला स्तरीय प्रतिनिधि इसमें शामिल होकर अपने सभी संदेह दूर कर लें. भेल के इंजीनियरों द्वारा कंट्रोल यूनिट (ईवीएम) के वेरिफिकेशन के बाद उस पर स्पेशल पिंक स्लिप लगा सुरक्षित रखा जायेगा.ताकि, उनका चुनावों में इस्तेमाल हो सके. वे निर्वाचन मुख्यालय में मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर रहे थे.
इस बैठक में भाजपा के जयप्रकाश, सीपीआई के इंदूभूषण वर्मा, कांग्रेस के सरोज तिवारी, एनसीपी के अनिल कुमार झा, राजद के अशोक कुमार सिंह, जदयू के अनिल कुमार और लोजपा के राजेंद्र विश्वकर्मा आदि ने भाग लिया.
दूर किया जायेगा हर संदेह : मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि राजनीतिक दलों के हर संदेह को दूर किया जायेगा. पिंक सील नासिक प्रोडक्ट है, जिसकी डुप्लिकेटिंग नहीं हो सकती. इस पर डीएम व इंजीनियर के साथ ही राजनीतिक प्रतिनिधियों के सभी हस्ताक्षर होंगे. साथ ही यूनिक नंबर होगा ताकि वह पूर्णत: सुरक्षित रहे.
फिलहाल बिहार में 84 हजार वीवीपैट मशीनें आ चुकी हैं, मशीनों की चेकिंग को आनेवाले भेल के इंजीनियर्स को भी रैंडमली ही जिला अलॉट किया जाता है, ताकि, शक-संदेह की कोई गुंजाइश न रहे. इन मुद्दों को लेकर पांच सितंबर को विशेष बैठक भी बुलायी गयी है, जिसमें सभी निर्वाची पदाधिकारी, उप निर्वाची पदाधिकारी, राजनीतिक दल व एनजीओ प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे. इस बैठक में केंद्रीय निर्वाचन आयोग के बड़े अधिकारी भी शामिल होंगे.
नि:शक्तों को उपलब्ध होगी विशेष सुविधा
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि नि:शक्त (पर्सन विद डिसैबिलिटीज) को लेकर विशेष इंतजाम किये जा रहे हैं. दृष्टि बाधित के लिए खास तरह का मोबाइल एप डेवलप किया गया है.
वोटर लिस्ट में नि:शक्त को कैटेगरी सहित चिह्नित किया जायेगा, ताकि उनके अनुरूप सुविधाएं दी जा सके. आवश्यकतानुसार उनको गाड़ी से लाने-वापस पहुंचाने आदि का प्रबंध किया जायेगा. सीईओ ने बताया कि राजनैतिक दलों द्वारा प्रति बूथ एक-एक बीएलए की नियुक्ति का कार्य अभी तक असंतोषजनक है. इसे जल्द कर लेने का अनुरोध किया गया. उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनाव 2019 पूरी तरह से वीवीपैट मशीनों से ही होगा.
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीनिवास ने बताया कि एक जनवरी 2019 की अर्हता के आधार पर मतदाता सूची तैयार की जा रही है. इसके लिए एक सितंबर से अगले दो माह तक मतदाता सूची के प्रकाशित प्रारूप पर दावा-आपत्ति ली जायेगी. इसके लिए बीएलओ, आरओ, ईआरओ व जिला निर्वाचन कार्यालयों में नि:शुल्क आवेदन उपलब्ध कराये गये हैं. ऑनलाइन भी नाम शामिल करने, हटाने व संशोधन का आवेदन हो सकेगा.
स्टेट कॉल सेंटर के टॉल फ्री नंबर 1950 पर भी जानकारी ली जा सकेगी. उन्होंने बताया कि वोटर लिस्ट रिवीजन की मॉनीटरिंग के लिए राज्य के सभी प्रमंडलीय आयुक्तों को अपने क्षेत्र का ऑब्जर्वर नियुक्त किया गया है. वे रिवीजन अवधि के दौरान कम-से-कम तीन बार क्षेत्र भ्रमण कर विहित प्रपत्र में सीधे चुनाव आयोग को रिपोर्ट देंगे.
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