पटना : राज्य के विश्वविद्यालयों में शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मियों के वेतन में कई स्तर पर विसंगति आज भी मौजूद है. विश्वविद्यालयों से संबद्धता प्राप्त कॉलेजों में भी यह समस्या व्याप्त है. इस विसंगति के कारण कई जूनियर अपने सीनियर से ज्यादा वेतन पा रहे हैं. कुछ शिक्षकों को अभी लेक्चरर के पद पर ही होना चाहिए था, तो गड़बड़ी के कारण वे समय से पहले ही प्रोन्नति पाते हुए प्रोफेसर बने हुए हैं.
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सीनियर से अधिक वेतन पा रहे कई जूनियर, दूर होगी विसंगति
पटना : राज्य के विश्वविद्यालयों में शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मियों के वेतन में कई स्तर पर विसंगति आज भी मौजूद है. विश्वविद्यालयों से संबद्धता प्राप्त कॉलेजों में भी यह समस्या व्याप्त है. इस विसंगति के कारण कई जूनियर अपने सीनियर से ज्यादा वेतन पा रहे हैं. कुछ शिक्षकों को अभी लेक्चरर के पद पर ही […]
इस तरह की समस्या सिर्फ शिक्षकों के बीच ही मौजूद नहीं है. बल्कि, शिक्षकेतर कर्मचारियों के बीच भी इस तरह की समस्या बड़े स्तर पर मौजूद है. इस तरह की समस्याएं विश्वविद्यालयों में सालों से मौजूद है.
इन विसंगतियों को दूर करने के लिए शिक्षा विभाग के स्तर पर दूसरी बार फिर से पहल की गयी है. इसके तहत एक कमेटी का गठन किया
गया है, जो कर्मियों के वेतन और प्रोन्नति से संबंधित मामलों में मौजूद विसंगतियों को दूर करेगी. इससे
पहले भी एक कमेटी का गठन किया गया है, जिसने भी यह प्रक्रिया पूरी की थी. परंतु उस दौरान भी कई लोगों की समस्याएं जस-की-तस बनी रही. इस वजह से इस बार दोबारा कमेटी गठित की गयी है.
विभाग ने बनायी
यह कमेटी
शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मियों के वेतन विसंगति को दूर करने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनायी है. इसमें राजस्व पर्षद के अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह को अध्यक्ष, शिक्षा विभाग के सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू को सदस्य सचिव और वित्त विभाग के संयुक्त सचिव शिव शंकर मिश्रा को सदस्य बनाया गया है.
अलग-अलग तरीके से हुई बहाली के कारण समस्या
विश्वविद्यालयों में विसंगति को दूर करने के लिए शिक्षा विभाग ने दोबारा गठित की कमेटी
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