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पटना : ई-रिक्शा चलवा रहे पर चार्जिंग के लिए नहीं लिया कॉमर्शियल कनेक्शन

अनुपम कुमार पटना : पटना में ई-रिक्शा की संख्या लगातार बढ़ रही है. वर्तमान में 24 हजार ई-रिक्शा पंजीकृत हो चुके हैं, जबकि सड़क पर चलने वाले ई-रिक्शा की संख्या 40 हजार को पार कर चुकी है. प्रभात खबर की पड़ताल में सामने आया कि ज्यादातर वाहन मालिक के पास चार-पांच या उससे अधिक ई-रिक्शा […]

अनुपम कुमार
पटना : पटना में ई-रिक्शा की संख्या लगातार बढ़ रही है. वर्तमान में 24 हजार ई-रिक्शा पंजीकृत हो चुके हैं, जबकि सड़क पर चलने वाले ई-रिक्शा की संख्या 40 हजार को पार कर चुकी है. प्रभात खबर की पड़ताल में सामने आया कि ज्यादातर वाहन मालिक के पास चार-पांच या उससे अधिक ई-रिक्शा हैं, जिसे वे भाड़ा पर चलाने के लिए चालकों को देते हैं. लेकिन इन ई-रिक्शा को चार्ज करने के लिए उन्होंने पेसू से कमर्शियल कनेक्शन नहीं लिया है.
रियायती घरेलू कनेक्शन का व्यावसायिक गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करने की वजह से पेसू को हर दिन 2.5 लाख रुपये से अधिक का राजस्व नुकसान हो रहा है.
छह से 12 घंटे लगते एक ई-रिक्शे की बैटरी चार्ज होने में
प्रति ई-रिक्शा प्रति दिन 6.33 रुपये का नुकसान : घरेलू कनेक्शन के उच्चतम स्लैब (6.77 रुपये प्रति यूनिट) से भी तुलना करें तो यह कमर्शियल बिजली (6.97 रुपये प्रति यूनिट) की तुलना में प्रति यूनिट 20 पैसे महंगी है. एक बार 100 एम्पियर की बैटरी चार्ज करने में 31.68 यूनिट (31680 वाट) बिजली खर्च होती है. लिहाजा प्रति ई-रिक्शा प्रति दिन पेसू को 6.33 रुपये के बिजली बिल का नुकसान हो रहा है और हर दिन 2.53 लाख रुपये का नुकसान हो रहा है.

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