पांच घंटे तक चली कुर्की जब्ती की कार्रवाई
बाढ़ : पूर्व मुखिया वीरेंद्र सिंह हत्याकांड में पुलिस ने रविवार को आरोपित अरविंद कुमार उर्फ भगत जी के जलगोविंद गांव स्थित घर पर पहुंचकर करीब पांच घंटे तक कार्रवाई करते हुए संपत्ति कुर्क कर ली. पुलिस ने खिड़की तथा किवाड़ तक को खंती से उखाड़ लिया.
इस दौरान काफी संख्या में गांव के भी लोग मौजूद थे. कार्रवाई के दौरान हत्याकांड के अप्राथमिक अभियुक्त सुजीत कुमार उर्फ बनरा को पुलिस ने मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया. घटना के बाद आरोपितों के समर्थकों ने करीब आधा घंटा तक हाईवे जाम कर दिया. हालांकि पुलिस के पहुंचने के पहले ही जाम समाप्त कर दिया गया.
मालूम हो कि 23 मई को अथमलगोला प्रखंड की बहादुरपुर पंचायत के पूर्व मुखिया एवं पंचायत समिति सदस्य वीरेंद्र सिंह उर्फ नेताजी को बाढ़ थाने के दहौर गांव के पास स्थित सलालपुर खांधा में रेकी कर गोली मार दी गयी थी. बाद में इलाज के दौरान नेताजी की अस्पताल में मौत हो गयी थी.
नेताजी ठेके में बोरिंग लगाने का काम करवा रहे थे. इसी में कथित तौर पर रंगदारी मांगी गयी थी. इस मामले में मृतक के परिजन जितेंद्र कुमार के बयान पर पांच ज्ञात और एक अज्ञात बदमाश के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. इस मामले में कोर्ट ने आरोपित अरविंद महतो उर्फ भगत जी की संपत्ति को कुर्क करने का आदेश दिया था.
हालांकि, पुलिस द्वारा गिरफ्तारी को लेकर कई बार प्रयास किया गया था, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी. मामले में पुलिस ने रविवार को बड़ी रणनीति बनायी. इस दौरान बाढ़ थानाध्यक्ष अबरार अहमद खान के नेतृत्व में एनटीपीसी, भदौर, पंडारक, अथमलगोला सहित आधा दर्जन थानों की पुलिस ने एकजुट होकर सुबह नौ बजे आरोपित के घर पर धावा बोला. सभी सामान लादकर पुलिस थाने ले आयी है. कार्रवाई के दौरान अप्राथमिक अभियुक्त सुजीत कुमार बनरा मौके पर कार्रवाई देखने के लिए पहुंचा था. इसी दौरान पुलिस को उसके आने की भनक लग गयी. मौके पर ही उसे पुलिस ने दबोच लिया. हालांकि आरोपित को इस बात की जानकारी नहीं थी कि पुलिस द्वारा किये गये अनुसंधान में उसका नाम लाइनर के रूप में आया है.
वह आरोपित के समर्थन में मौके पर पहुंचा था. पुलिस के अनुसार सुजीत पर करीब एक दर्जन आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. पुलिस द्वारा की गयी कार्रवाई एवं गिरफ्तारी के विरोध में दर्जनों लोग हाईवे पर उतर आये और बांस-बल्ला सड़क पर फेंक कर आवाजाही ठप कर दी. करीब आधा घंटा के बाद पुलिस द्वारा अल्टीमेटम दिये जाने पर जाम को समाप्त कर दिया गया.
थाना अध्यक्ष के नेतृत्व में पुलिस ने जलगोविंद गांव के पास गश्त शुरू कर दी है. इस मामले में एक आरोपित ने कोर्ट में सरेंडर किया है. वहीं, दूसरे आरोपित को अग्रिम जमानत मिल गयी है. तीन आरोपित फरार चल रहे हैं. ज्ञात हो कि मृतक नेताजी के समर्थकों ने आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर सड़क एवं रेल जाम आंदोलन चलाया था.