पटना : बिहार में संविदा पर कार्यरत पांच लाख कर्मियों को सुविधा देने के लिए बनी कमेटी ने मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंप दी. मालूम हो कि कमेटी के अध्यक्ष पूर्व मुख्य सचिव अशोक कुमार चौधरी को बनाया गया था. इस कमेटी का कार्यकाल 12 अगस्त को खत्म हो रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, संविदा कर्मियों की सेवा को नियमित नहीं किया जायेगा.
जानकारी के मुताबिक, कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि संविदा पर कार्यरत कर्मियों की सेवा नियमित नहीं की जायेगी, लेकिन सरकारी कर्मियों की तरह संविदाकर्मियों को भी अवकाश का लाभ मिलेगा. साथ ही चार साल में एक बार एलटीए भी मिलेगा. नियमित कर्मियों की तरह उन्हें भी कैजुअल लीव (सीएल) और अर्न लीव (ईएल) का भी लाभ मिल सकेगा. महिला संविदा कर्मियों को गर्भवती होने पर पांच महीने की छुट्टी मिलेगी. साथ ही पुरुष संविदा कर्मियों को भी पिता बनने पर पितृत्व अवकाश मिलेगा. वहीं, लगातार 15 दिन लापता रहने पर सेवा से का प्रावधान किया गया है. संविदा कर्मियों के नियत वेतन में बेसिक सैलरी और एचआरए समेत तमाम भत्तों का भी उल्लेख होगा.
मालूम हो कि प्रदेश में संविदा पर कार्यरत कर्मी लंबे समय से अपनी सेवा नियमित करने के लिए सरकार से मांग कर रहे हैं. साथ ही नियमित कर्मियों की तरह सुविधा देने की भी मांग संविदा कर्मी कर रहे हैं. इसके बाद मांगों के समर्थन में संविदा कर्मियों ने आंदोलन शुरू किया. इसके बाद नीतीश सरकार ने पूर्व मुख्य सचिव अशोक कुमार चौधरी के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन कर दिया था.