पटना :मुजफ्फरपुर बालिका दुष्कर्म कांड में सामाजिक कल्याण विभाग के सहायक निदेशक दिवेश कुमार ने टीआईएसएस सामाजिक लेखा परीक्षा रिपोर्ट के बाद कार्रवाई करने में देरी के लिए निलंबित कर दिया गया है. दिवेश पर आरोप है कि टीआईएसएस सामाजिक लेखा परीक्षा रिपोर्ट मिलने के बाद भी कई दिनों तक उस पर न कोई कार्रवाई की गयी न ही जांच किया गया.
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#MuzaffarpurShelterHome case:Assistant Director of Social Welfare Department Devesh Kumar suspended for delay in taking action after TISS social audit report. #Bihar
— ANI (@ANI) August 5, 2018
विदित हो किस्वाधार गृह मामले में महिला थाना में बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक दिवेश कुमार शर्मा के बयान पर एफआइआर दर्ज की गयी है. एफआइआर के बाद पुलिस ने सहायक निदेशक से कई बिंदु पर जानकारी मांगी है. एफआइआर लेट दर्ज करने से लेकर अन्य मामलों को लेकर पूछताछ भी की गयी. उधर, दिवेश कुमार शर्मा ने पुलिस को मांगी गयी जानकारी उपलब्ध करा दी थी. उन्होंने बताया थ्का पुलिस को जांच में पूरा सहयोग कर रहे है.
दूसरी ओर,बालिका गृह कांड में जेल में बंद ब्रजेश ठाकुर के करीबी रमेश ठाकुर की सीबीआई को तलाश है. उसके दिल्ली में छिपे होने की जानकारी सीबीआई को मिली है. सेवा संकल्प एवं विकास समिति एनजीओ का वह सचिव है. समाज कल्याण विभाग से हुए एकरारनामे पर उसके ही हस्ताक्षर है. महिला थानेदार ज्योति कुमारी ने उसके बारे में काफी खोजबीन की, लेकिन उसका पता नहीं चल पाया था. सीआईडी के एसपी कमजोर वर्ग ने भी रमेश ठाकुर के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था. इस मामले में रौशनी खातून से भी पूछताछ की गयी थी. बताया जाता है कि रमेश कभी-कभी ही मुजफ्फरपुर आता था. संस्था से जुड़े कागजात, पैड और बैंक के ब्लैंक चेक पर वह हस्ताक्षर कर दिल्ली लौट जाता था. बैंक में खाता भी उसी के नाम से है. सीबीआई संस्था से जुड़े सभी खातों को फ्रीज करने के लिए बैंक से पत्राचार करेगी.
समाज कल्याण विभाग फिर पहुंची सीबीआई
सीबीआई की टीम शनिवार को समाज कल्याण विभाग के कार्यालय पहुंची. एसपी जेपी मिश्रा एक पत्र देकर कई बिंदु पर जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है. पत्र किसके नाम से, कौन सा एनजीओ है, कब रजिस्ट्रेशन हुआ, किस चीज पर काम कर रहा है, उसके काम की प्रक्रिया क्या है और नियम क्या है, किसको कितने दिन पर निरीक्षण करना है, निरीक्षण समय पर हुआ कि नहीं, निरीक्षण के बाद रिपोर्ट क्या दिया, यदि समय पर निरीक्षण और रिपोर्ट जमा नहीं हुआ तो संबंधित व्यक्ती पर क्या कार्रवाई हुई, किस एनजीओ को कितना फंड किस नियम के तहत किनके अनुशंसा पर दी गई, इसका जिक्र है. बताया जाता है कि सीबीआई ने जो कागजात विभाग से मांग की है, उसे देने में कम से कम 10 दिन का समय लगेगा. मांगी गयी कागजातों की जांच के बाद मिले तथ्यों के आधार पर सीबीआई फिर जरूरत के मुताबिक कागजात की मांग करेगी.
जेल में ब्रजेश ठाकुर पर कसा शिकंजा
जेल में बंद ब्रजेश ठाकुर की निगरानी बढ़ा दी गयी है. जेल अस्पताल में इलाजरत ब्रजेश की निगरानी के लिए एक सुरक्षा प्रहरी की तैनाती की गयी है. जेल अधीक्षक राजीव कुमार झा ने बताया कि वह एक संवेदनशील मामले में आरोपित है. किसी तरह की अनहोनी न हो, इसके लिए सुरक्षा प्रहरी को तैनात किया गया है. वहीं, जेल में ब्रजेश ठाकुर के हथियार का लाइसेंस निलंबित किये जाने का नोटिस जेल प्रशासन को नगर थाने की पुलिस ने रिसीव करा दिया है. नगर थानाध्यक्ष मो. सुजाद्दीन ने बताया कि जेल अधीक्षक को नोटिस रिसीव कराये 36 घंटे बीत चुके हैं. जेल प्रशासन कीरिपोर्ट आने के बाद मामले में आगे की कार्रवाई की जायेगी.
संरक्षणदाताओं की तलाश
सीबीआई अब ब्रजेश ठाकुर के संरक्षणदाताओं के बारे में जानकारी जुटा रही है. उसके कई सफेदपोशों से बेहतर संबंध होने की जानकारी सीबीआई को मिली है. सीबीआई का कहना है कि महिला थाने की पुलिस ने इस केस में बेहतर अनुसंधान किया है. जरूरत पड़ने पर ही जेल में बंद आरोपितों को रिमांड पर लिया जायेगा.