21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पटना : हवा में बन रहे नियमों के छल्ले, कार्रवाई नहीं

पटना : शहर में खुले में सिगरेट पीने पर रोक व तंबाकू दुकानों पर लगाये गये नियम अब तक हवा में हैं. आप शहर के किसी भी भीड़-भाड़ वाले इलाके में लोगों को सिगरेट की कश से हवा में छल्ला उड़ाते देख सकते हैं. इसे न तो कोई रोकनेवाला है और न ही प्रशासन की […]

पटना : शहर में खुले में सिगरेट पीने पर रोक व तंबाकू दुकानों पर लगाये गये नियम अब तक हवा में हैं. आप शहर के किसी भी भीड़-भाड़ वाले इलाके में लोगों को सिगरेट की कश से हवा में छल्ला उड़ाते देख सकते हैं. इसे न तो कोई रोकनेवाला है और न ही प्रशासन की तरफ से इसको रोकने के लिए अब तक कोई कार्रवाई की गयी है. भले ही बीते एक जून डीएम कुमार रवि ने विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर खुले में कश लगाने वालों पर 200 रुपये जुर्माना लगाने का निर्देश दिया था.
सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को इस पर तत्काल कार्रवाई करनी थी. लेकिन, डेढ़ माह बीतने के बाद भी अब तक इस मामले में एक भी कार्रवाई तो दूर, ऐसे लोगों को पकड़ने के लिए अधिकारियों ने कोई अभियान भी नहीं चलाया है.
सात वर्षों की सजा : लाइसेंस देने के अलावा डीएम ने अनुमंडल पदाधिकारियों व बीडीओ को खुले और सार्वजनिक जगहों पर सिगरेट पीने वाले पर 200 रुपये का जुर्माना लगाने के साथ-साथ शिक्षण संस्थानों के 100 गज के दायरे में कोई भी तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाने का निर्देश भी दिया था.
नियमों की अनदेखी करनेवालों पर सात वर्षों की जेल की सजा तक का प्रावधान लगाया गया था. मगर सबसे बड़ी बात है कि अधिकारियों ने अब तक इसको लेकर कोई छापेमारी तक नहीं की.
नगर निगम ने बनाया था नियम : बीते वर्ष नगर निगम ने तंबाकू बिक्री पर दुकानों को अलग से लाइसेंस देने का नियम बनाया था. लाइसेंस देने के लिए पूरी प्रक्रिया बनायी गयी थी. नियम नहीं मानने वालों के लिए छापेमारी दल का भी गठन किया गया था. पूरी नियमावली बनाकर निगम ने इसकी स्वीकृति के लिए फाइल को नगर विकास व आवास विभाग में भेजी थी, ताकि स्वीकृति के बाद पटना नगर निगम सहित पूरे राज्य के नगर निकायों में इसे लागू किया जा सके.
मगर विभाग ने इसकी स्वीकृति अब तक नहीं दी है. मामला लटका हुआ है. सोसिओ इकोनॉमिका एंड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसाइटी (सीड्स) के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्रा बताते हैं कि नियम बनाने के बाद से एक बार भी छापेमारी व जांच अभियान नहीं चलाया गया है.
सप्ताह में दो बार करनी है छापेमारी : इधर निगम की ओर से जो छापेमारी दल का गठन किया गया था, उसमें दल को सप्ताह में दो बार छापेमारी करने का निर्देश दिया गया था. इसके अलावा माह के पहले सप्ताह पर इसकी रिपोर्ट नगर आयुक्त को देनी थी. छापेमारी दल में सभी कार्यपालक पदाधिकारी के अध्यक्ष व मुख्य सफाई निरीक्षक को सदस्य बनाया गया था. बीते वर्ष नवंबर में दल के गठन के बाद एक बार भी छापेमारी नहीं की गयी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें