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कॉल की संख्या में बढ़ोतरी , शराब के खिलाफ 567 दिनों में 3088 शिकायतें

बिहार पुलिस के सेंट्रलाइज्ड ग्रीवांस रिड्रेसल सेल में आने वाले कॉल की संख्या में बढ़ोतरी पटना : पुलिस मुख्यालय स्थित सीजीआरसी (सेंट्रल ग्रीवांस रीड्रेसल सेल) में शराब के खिलाफ 567 दिनों (1 जनवरी 2017 से 22 जुलाई 2018) में 3088 शिकायतें मिली हैं. इसमें शराब बनाने, शराब के उपयोग, शराब की बिक्री, शराब की तस्करी […]

बिहार पुलिस के सेंट्रलाइज्ड ग्रीवांस रिड्रेसल सेल में आने वाले कॉल की संख्या में बढ़ोतरी
पटना : पुलिस मुख्यालय स्थित सीजीआरसी (सेंट्रल ग्रीवांस रीड्रेसल सेल) में शराब के खिलाफ 567 दिनों (1 जनवरी 2017 से 22 जुलाई 2018) में 3088 शिकायतें मिली हैं. इसमें शराब बनाने, शराब के उपयोग, शराब की बिक्री, शराब की तस्करी आदि से संबंधित शिकायतें शामिल हैं.
सामान्य तौर पर रोज पांच-छह शिकायतें शराब से संबंधित होती हैं. सीजीआरसी के आंकड़ों पर गौर करें तो 22 जुलाई तक 3088 में से 3025 शिकायतों को निस्तारण हो गया था. 63 मामले लंबित थे. खास बात यह है कि पहले सीजीआरसी में रोज 20-25 शिकायतें दर्ज होती थीं, अब 30-35 शिकायतें दर्ज हो रही हैं. इसमें हर तरह की शिकायतें शामिल हैं. कॉल की बात करें तो रोज करीब डेढ़ सौ फोन कॉल आते हैं.
शिकायतों को 53 तरह की श्रेणियों में बांटा : सीजीआरसी में आने वाले कॉल से मिलने वाली शिकायतों को बिहार पुलिस ने 53 श्रेणियों में बांटा है.
इसमें हत्या, अपहरण, छेड़छाड़, दुराचार, जेब कटना, चोरी, डकैती, लूट, चीटिंग, फर्जीवाड़ा, शराब तस्करी, प्रताड़ित करना, शांति भंग करना, सांप्रदायिक तनाव, सड़क दुर्घटना, रिश्वतखोरी, यौन शोषण, दहेज मांगना, गुमशुदा, नक्सली गतिविधि, साइबर क्राइम, दहेज हत्या, चुनाव से संबंधित अपराध, संदिग्ध व्यक्तियों के बारे में सूचना, आत्महत्या आदि शामिल हैं. जमीनी विवाद की भी खूब शिकायतें मिलती हैं.
आप लोग तो एसी में बैठे हैं, जनता के दुख-सुख से कोई मतलब नहीं
यहां का एसपी बहुत खराब है… इसको हटवाइये. डीएम कोई काम नहीं कर रहे हैं. आम जनता परेशान हैं. इस तरह का डीएम यहां नहीं चाहिए. इनको यहां से दफा कराइये. सीएम कोई काम नहीं कर रहे हैं.
इससे पहले तो लालू प्रसाद का ही राज अच्छा था. कुछ इस तरह के सवालों से यहां की बिहार पुलिस रोज दो-चार हो रही है. कॉलर के मन मुताबिक जवाब नहीं मिल पाने पर उल्टा फोन उठाने वाले को सुनना भी पड़ता है. कॉलर यहां तक कह देता है कि आप लोगों को क्या है, आप लोग तो एसी में बैठे हैं. जनता के दुख-सुख से कोई मतलब नहीं है.
पुलिस मुख्यालय स्थित सीजीआरसी (सेंट्रल ग्रीवांस रीड्रेसल सेल) में कुछ इसी तरह के कॉल आते हैं. ऐसे सवालों के सामने कॉल सेंटर में बैठे कर्मचारी की क्या स्थिति होती है, आप सहज अंदाजा लगा सकते हैं. चूंकि सभी कॉल रिकॉर्ड भी होते हैं, इसलिए जवाब में किसी तरह की गुस्ताखी भी नहीं होनी चाहिए. इस तरह के कॉल करने वालों पर लगाम कसना भी मुमकिन नहीं है. कुछ लोग तो ऐसे हैं, जो रोज ही कॉल करते हैं.
सीजीआरसी में औसतन रोज डेढ़ सौ कॉल आते हैं, इसमें से 20-25 ही शिकायतें दर्ज हो पाती हैं. इसकी वजह कुछ और नहीं है. यहां कॉल करने वाले लोगों में कुछ सरफिरे होते हैं. मूल समस्या से उन्हें कम मतलब होता है, बेमतलब कॉल करके सीजीआरसी में काम करने वाले कर्मचारियों का समय खराब करते हैं.
मदद चाहिए तो करें डायल
0612-2217900, 18603456999 (बिहार पुलिस हेल्पलाइन नंबर)

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