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ओरिया का टूटा बांध, रोड पर चार फुट पानी, सिकटा की सभी नदियां खतरे के निशान से बह रही ऊपर

बर्दही व धर्मपुर गांव पर बाढ़ का मंडराने लगा खतरा अब तक बाढ़ से करीब दर्जन भर घर व कई एकड़ फसल को हुई है क्षति पहाड़ी नदियों का जल स्तर ऊंचा होने से हमेशा बना रहता है बाढ़ का खतरा सिकटा/गौनाहा (बेतिया) : नेपाल की जल अधिग्रहण क्षेत्र में हुई भयंकर बारिश से प्रखंड […]

बर्दही व धर्मपुर गांव पर बाढ़ का मंडराने लगा खतरा
अब तक बाढ़ से करीब दर्जन भर घर व कई एकड़ फसल को हुई है क्षति
पहाड़ी नदियों का जल स्तर ऊंचा होने से हमेशा बना रहता है बाढ़ का खतरा
सिकटा/गौनाहा (बेतिया) : नेपाल की जल अधिग्रहण क्षेत्र में हुई भयंकर बारिश से प्रखंड की सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. इधर, सिकटा प्रखंड में ओरिया नदी का बांध टूटने के कारण बाढ़ का पानी बर्दही के खेतों व बर्दही भवानीपुर मुख्य रोड पर बह रहा है. एक बार फिर से बर्दही धर्मपुर गांव में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है.
बर्दही भवानीपुर मुख्य रोड पर करीब चार फुट तक पानी भरा है. उधर, गौनाहा प्रतिनिधि के अनुसार प्रखंड क्षेत्र की पहाड़ी नदियों का जल स्तर ऊंचा होने से इनके आसपास बसने वाले गांवों पर हमेशा बाढ़ के पानी का खतरा मंडराता रहता है.
विदित हो कि पंडई, हडबोड़ा, कटहा, छेकराहा, दोहरम, बलगंगवा सहित आधे दर्जन से अधिक जंगल व पहाड़ों से नदियां निकलती हैं, जो थोड़ी-सी बरसात अधिक होने पर आसपास के गांवों में पानी घुस जाता है और लोगों का जीना दुश्वार हो जाता है. इधर, मॉनसून के आगमन के बाद अब तक के बाढ़ से करीब दर्जन भर घरों को नुकसान पहुंचा है तथा करीब पांच एकड़ गन्ना का फसल बर्बाद हुए हैं.
सुपौल : पौने दो लाख क्यूसेक के पार पहुंचा कोसी का डिस्चार्ज
खतरे में पड़ा 64.95 किलोमीटर का स्पर
सुपौल : कोसी के नेपाल स्थित जल अधिग्रहण क्षेत्र में विगत दो दिनों से हुई भारी बारिश के कारण नदी के जल स्तर में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है. शुक्रवार को कोसी का डिस्चार्ज इस वर्ष के रिकॉर्ड ऊंचाई तक पहुंच चुका है. जाहिर तौर पर तटबंध के भीतर बसे लोगों की परेशानी भी बढ़ने लगी है.
नदी के करीब अवस्थित गांव के घरों में बाढ़ का पानी घुसने लगा है. फसलें डूब चुकी हैं. जल स्तर में बढ़ोतरी से सुपौल, किशनपुर, सरायगढ़, मरौना, निर्मली व बसंतपुर प्रखंडों के दर्जनों पंचायतें बाढ़ की चपेट में हैं. तटबंध के अंदर स्थित करीब दो दर्जन पंचायत क्षेत्र की हजारों की आबादी बाढ़ विपदा से त्राहिमाम कर रही है. विदित हो कि महज चार दिनों के अंतराल में कोसी के डिस्चार्ज में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है.
09 जुलाई को जहां कोसी का जल स्राव 01 लाख क्यूसेक से भी कम था. वह धीरे-धीरे बढ़ते हुए शुक्रवार को पौने दो लाख के पार पहुंच गया. नियंत्रण कक्ष से प्राप्त सूचना के मुताबिक शुक्रवार की शाम चार बजे कोसी बराज का डिस्चार्ज 01 लाख 75 हजार 825 क्यूसेक दर्ज किया गया, जो बढ़ने के क्रम में है. वहीं, नेपाल के बराह क्षेत्र में कोसी का जलस्तर 01 लाख 33 हजार 475 क्यूसेक मापा गया.
64.95 किमी बिंदु पर धंसने लगा है स्पर : कोसी के जल स्तर में बढ़ोतरी के बाद तटबंध के विभिन्न बिंदुओं पर दबाव भी बढ़ने लगे हैं.जानकारी मुताबिक सदर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत कोसी तटबंध के 64.95 किलोमीटर बिंदु पर स्थित स्पर खतरे में आ गया है.
स्पर का अगला हिस्सा (नोज) कई दिनों से धंस रहा है, जो खतरनाक रूप धारण कर सकता है. हालांकि विभाग द्वारा स्पर को बचाने की कवायद युद्ध स्तर पर की जा रही है. फ्लड फाइटिंग का काम रात-दिन चल रहा है. अब तक करीब 01 लाख एनसी बैग और 20 हजार जियो बैग का इस्तेमाल किया जा चुका है.
बागमती के जल स्तर में उछाल से दर्जनों गांवों में भय का माहौल
रून्नीसैदपुर (सीतामढ़ी) : बागमती नदी के जल स्तर में आयी उछाल से प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों गांवों के लोग बाढ की आशंका से भयभीत हैं. गत वर्ष आयी बाढ़ की तबाही से लोग सहमे हुए दिख रहे हैं. तटबंध के अंदर बसे गांव भरथी, रमनगरा, इब्राहीमपुर के अलावा शिवनगर, रक्सिया, बघौनी, सोनपुरवा, तिलकताजपुर व मधौलशानी गांव के कुछ हिस्से जो तटबंध के अंदर में बसे हैं, उन लोगों के बीच बाढ़ की विभीषिका का भय सताने लगा है. भरथी समेत उन गांवों के लोगों को तटबंध पर पहुंचने के लिए कई जगहों पर फैले बाढ़ के पानी को पार करना पड़ रहा है.
बेलसंड : तटबंध में कटाव की सूचना पर ग्रमीणों में हड़कंप, सुरक्षित स्थान पर जाने लगे लोग
बेलसंड : बागमती नदी के जल स्तर में वृद्धि से बागमती तटबंध के कंसार घाट पर गुरुवार को कटाव शुरू हो गया. इसकी जानकारी मिलते ही आसपास के लोगों में हड़कंप मच गयी. लोग सुरक्षित स्थान पर जाने लगे. इसकी सूचना बागमती परियोजना के वरीय पदाधिकारियों को मिली.
इसके बाद परियोजना के अधीक्षण अभियंता रवींद्र कुमार सिंह, कार्यपालक अभियंता सबीर अहमद, बेनीबाद डिवीजन के सहायक अभियंता रामविनोद शर्मा, कनीय अभियंता उमाशंकर सिंह व संवेदक राजेश सिंह, विनोद सिंह, चंदन कुमार के साथ कंसार घाट पहुंचे. कटाव के चलते तटबंध में हो रहे क्षरण की रोकने की मंत्रणा की गयी. इसके बाद युद्धस्तर पर तटबंध को बचाने का काम शुरू कर दिया गया.

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