पटना: 6 जून को गुरु तारा अस्त होने के साथ ही एक माह के लिए मांगलिक कार्यो पर ब्रेक लग जायेगा. शादी फिर से दो जुलाई से शुरू होगी, लेकिन 16 जुलाई के बाद फिर इस पर ब्रेक लग जायेगा. आचार्य श्रीपति त्रिपाठी के अनुसार ज्येष्ठ कृष्ण त्रियोदशी (गुरुवार) की रात 11 बजे बृहस्पति पश्चिम दिशा में अस्त हो रहा है.
बृहस्पति के अस्त होते ही विवाह जैसे मांगलिक कार्य नहीं किये जा सकेंगे. यह पुन: आषाढ़ कृष्ण दशमी (2 जुलाई) को पूर्व में उदित हो रहे हैं. साथ ही 16 जुलाई की रात 2 बज कर 25 मिनट पर कर्क राशि में सूर्य की संक्रांति होगी. इस दिन से सूर्य दक्षिणायन हो जायेंगे. शास्त्रनुसार सूर्य के दक्षिणायन होने व गुरु का अस्त होना शुभ नहीं माना गया है. इन दोनों स्थितियों में विवाह व मुंडन जैसे मांगलिक कार्य नहीं किये जाते हैं.
18 नवंबर को देवोत्थान एकादशी : 18 नवंबर को सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होंगे. इस दिन देवोत्थान एकादशी के रूप में तुलसी का विवाह मनाया जाता है. इसी दिन से शादी-ब्याह जैसे मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं. पंडित मरकडेय के अनुसार, जुलाई की 11,13 व 14 तिथियां अति शुभ हैं, क्योंकि इन तीनों तिथियों में रात्रि लगA हैं. विवाह कार्य रात्रि में संपन्न किये जाते हैं, जिससे यह अतिशुभ माना जाता है.