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पटना बिल्डिंग बायलॉज : अब 40 मीटर से ऊंचे निर्माण ही होंगे व्यावसायिक

रिवर फ्रंट डेवलपमेंट क्षेत्र में बना सकेंगे ऊंची इमारतें अनिकेत त्रिवेदी पटना : दो सौ पन्नों में तैयार राज्य का नया बिल्डिंग बायलॉज जल्द ही आने वाला है. नये बिल्डिंग बायलॉज में मास्टर प्लान 2031 के तहत आने वाले क्षेत्रों में निर्माण को लेकर कई छूट दी जायेंगी. खासतौर पर ऊंची इमारतों के निर्माण को […]

रिवर फ्रंट डेवलपमेंट क्षेत्र में बना सकेंगे ऊंची इमारतें
अनिकेत त्रिवेदी
पटना : दो सौ पन्नों में तैयार राज्य का नया बिल्डिंग बायलॉज जल्द ही आने वाला है. नये बिल्डिंग बायलॉज में मास्टर प्लान 2031 के तहत आने वाले क्षेत्रों में निर्माण को लेकर कई छूट दी जायेंगी. खासतौर पर ऊंची इमारतों के निर्माण को प्रोत्साहित किया जायेगा. ताकिकम क्षेत्रफल में शहर की बढ़ती आबादी की आवासीय जरूरतों को पूरा किया जा सके.
चालीस मीटर से ऊंची इमारतों को ही व्यावसायिक माना जायेगा. इससे कम ऊंची इमारतों में व्यावसायिक गतिविधियां संचालित नहीं हो सकेंगी. इससे आवासीय बस्ती को व्यावसायिक भीड़-भाड़ से बचाया जा सकेगा.
रिवर फ्रंट डवलपमेंट एरिया में भी ऊंची इमारतों के निर्माण की अनुमति मिल जायेगी. अभी तक इसमें पाबंदी थी.केंद्र सरकार के मॉडल बिल्डिंग बायलॉज के चौदह प्वाइंट्स को भी राज्य सरकार ने अपने बायलॉज में स्वीकार कर लिया है. वहीं व्यावसायिक निर्माण के लिए अलग से गाइड लाइन भी तैयार की गयी है.
नये बिल्डिंग बायलॉज में खेल भवन, शिक्षा के लिए जुड़े भवन, ट्रांसपोर्ट के लिए भवन, अस्पताल के लिए भवन सहितअन्य तरह के जन उपयोगी निर्माण के लिए अलग-अलग चैप्टर तैयार किये गये हैं. जल्दी ही इस बायलॉज को कैबिनेट की मंजूरी के बाद फाइनल कर दिया जायेगा.
मिलेगी सुविधा
सिंगल विंडो सिस्टम का मतलब है कि बड़े या छोटे निर्माण के नक्शा पास कराने के लिए बहुत जगहों से एनओसी लेने की जरूरत नहीं होगी.
यानी किसी निर्माण के लिए एयरपोर्ट अथॅारिटी, फायर बिग्रेड, पर्यावरण से लेकर अन्य प्राधिकारों से एनओसी लेने के लिए एक जगह ही आवेदन करना होगा. बायलॉज आने के बाद राज्य के सभी नगर निकायों में नक्शा पास कराने की सुविधा सिंगल विंडो सिस्टम के तहत मिलेगी. बड़े निर्माण का नक्शा 60 दिन के बदले 30 दिन में ही पास कर दिया जायेगा.
14 प्वाइंटों को अपनाया गया
नये बिल्डिंग बायलॉज में केंद्र सरकार की ओर से जारी मॉडल बिल्डिंग बायलॉज के 14 प्वाइंटों को अपनाया गया है. दिव्यांगों के लिए रैंप, अलग से शौचालय, बच्चों व किशोरों के लिए अलग से खेल प्वाइंट या उनकी जरूरतों के हिसाब से अलग जगह रूफ वॉटर हार्वेस्टिंग, ग्रीन बिल्डिंग के प्वाइंट को लिया गया है.
इसके अलावा फायर प्रोटेक्शन के लिए सामान्य नियम के बदले छह-सात पेज का नया स्पष्ट नियम जोड़ा गया है. 150 लाख वर्ग मीटर से बड़े निर्माण में पर्यावरण से स्वीकृति लेनेवाले नियम में भी बदलाव है.
बहुमंजिली व छोटी इमारतों के निर्माण में
नये बिल्डिंग बायलॉज में बहुमंजिला इमारतों के निर्माण में छूट दी गयी है. नये नियम के अनुसार नये क्षेत्र में 60 फीट से घटा कर 40 फीट व शहर के पुराने क्षेत्र में 40 फीट से घटा कर 30 फिट चौड़ी सड़क पर बहुमंजिला इमारतें बनाने की बात कही गयी है.
इसके अलावा छोटे निर्माण का नक्शा पास करने में ट्रस्ट एंड वैरिफाई नियम के आधार पर काम करने का प्लान है. यानी नये नियम में 300 वर्ग मीटर क्षेत्रफल व दस मीटर ऊंची इमारतों के निर्माण के लिए पहले से नक्शा पास कराने की जरूरत नहीं होगी. आवेदन देकर निर्माण शुरू कर सकते हैं. नक्शा पास होने के बाद निर्माण की जांच की जायेगी.
हेरिटेज के लिए अलग नियम
इस बार हेरिटेज भवनों के लिए भी अलग से नियम को जोड़ा गया है. इसमें कई तरह के नियमों में छूट दी गयी है.- अवैध निर्माण के लिए अलग से चैप्टर: नये बिल्डिंग बायलॉज में अवैध निर्माण पर रोक लगाने के लिए और कड़े नियम बनाये गये हैं. इस बार बायलॉज में दस पन्ने का अलग से प्वाइंट -टू-प्वाइंट नियमों के विचलन के बारे में बताया गया है. वहीं पहले से कई नियम की कमी को दूर किया गया है.
छोटे निर्माण को पार्किंग में छूट
छोटे भवनों के निर्माण में वाहन पार्किंग में छूट दी गयी है. नये बायलॉज के अनुसार अगर कोई निर्माण दस मीटर से कम ऊंचा या 300 वर्ग मीटर तक क्षेत्रफल वाला है तो उसे दो चार पहिया वाहन पार्किंग के क्षमता के आधार पर निर्माण की स्वीकृति दे दी जायेगी. मगर बड़े निर्माण में 25 व 40 फीसदी पार्किंग वाला नियम लागू रहेगा.

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