पटना : भले ही राजधानी में बारिश नहीं हो रही है, लेकिन गंगा का जल स्तर बढ़ने लगा है. फिलहाल दो दिनों में लगभग चार से छह फुट तक पानी बढ़ चुका है. ऐसे में पटना के निकट गंगा के दियारा क्षेत्र के करीब एक दर्जन वार्ड/गांव की करीब पांच लाख की आबादी गांव छोड़ने की तैयारी में जुट गयी है. लोग अभी से सूखा खाद्य पदार्थ जैसी जरूरी चीजों को इकट्ठा करने लगे हैं. हर साल की तरह इस बार भी ये गांव दो माह के लिए वीरान हो जायेंगे. हर साल अगस्त-सितंबर माह में इस इलाके आबादी राहत शिविरों में शिफ्ट हो जाने के लिए मजबूर हो जाती है. ये सभी वार्ड राजधानी परिक्षेत्र के दायरे में आते हैं. इसमें पटना सदर के एक, दानापुर अनुमंडल के छह और छपरा के तीन पंचायतों के गांव/वार्ड इसमें शामिल हैं.
Advertisement
पांच लाख की आबादी पलायन को तैयार
पटना : भले ही राजधानी में बारिश नहीं हो रही है, लेकिन गंगा का जल स्तर बढ़ने लगा है. फिलहाल दो दिनों में लगभग चार से छह फुट तक पानी बढ़ चुका है. ऐसे में पटना के निकट गंगा के दियारा क्षेत्र के करीब एक दर्जन वार्ड/गांव की करीब पांच लाख की आबादी गांव छोड़ने […]
बुनियादी सुविधाओं का अभाव
इन पंचायतों में सभी बुनियादी जरूरतों का अभाव है. नकटा दियारा क्षेत्र में दो प्राथमिक और एक मध्य विद्यालय है. दोनों प्राथमिक स्कूलों की स्थिति काफी खराब है. इन पंचायतों के 87 चापाकल खराब हो चुके हैं, जबकि कुछ जगहों पर चापाकल का पानी पीने लायक नहीं हैं. कुल 199 इंदिरा आवास के मात्र 38 लोगों को ही योजना का पहली किस्त मिली है. नकटा दियारा में एक प्राथमिकी स्वास्थ्य केंद्र भी हैं, लेकिन कभी कोई डॉक्टर नहीं आता.
दर्द पलायन का
हर साल अगस्त-सितंबर माह में इस इलाके आबादी राहत शिविरों में शिफ्ट हो जाने के लिए मजबूर हो जाती है.
दियारा क्षेत्र पटना व सारण जिलों के बीच पड़ता है. हर वर्ष औसत रूप से गांव में पांच फुट पानी भर जाता है. एक पंचायत में
तीन से पांच हजार तक घर हैं. इसमें से 90 फीसदी मकान कच्चे हैं. कुछ पक्के मकान हैं, उनमें भी पानी भर जाता है. सड़कें, खेत से लेकर हर तरफ सिर्फ पानी पानी ही नजर आता है.
इन पंचायतों में भरता है पानी
नकटा दियारा के अलावा दानापुर के पानापु
र पंचायत, मानस पंचायत, काशिकचक पंचायत, हेतनपुर पंचायत, गंगाहरा पंचायत, शंकरपुर व हाबसपुर पंचायत, केदलपुरा पंचायत, छपरा जिला के रामदासचक पंचायत, सलहली पंचायत व एक अन्य पंचायत में हर साल पानी भर जाता है. पिछले साल नकटा दियारा में 200, पानपुर पंचायत में 250, गंगाहरा पंचायत में 100 व काशिकचक पंचायत में 60 घर गंगा की गोद में समा गये थे. इनमें से अधिकांश घरों को आज तक लोगों ने नहीं बनाया है.
अभी से कट गया है संपर्क
सरकार ने पूरा नहीं किया वादा
नाविक बताते हैं कि बीते बाढ़ में 50 से अधिक नावें लगी थी. नाविकों को तीन सौ रुपये प्रतिदिन के हिसाब से देना था, जिसका पैसा अब तक नहीं मिला. सरकार की ओर हर पंचायत में पांच नाव देने का वादा किया गया था, जिसे पूरा नहीं किया गया है. ऐसे में इस बार बाढ़ के दौरान लोगों को इस पार से उस पार ले जाने व लाने में परेशानी हो सकती है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement