Advertisement
पटना : अस्पतालों में एंटी रैबीज इंजेक्शन की किल्लत
राजधानी में बढ़ रहे कुत्ताें के काटने के मामले पटना : शहर में कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता ही जा रहा है. इनके काटने के बाद होनेवाले रैबीज से बचाने वाले एंटी रैबीज इंजेक्शन की सरकारी अस्पतालों में कमी हो गयी है. सबसे अधिक परेशानी पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में है. अस्पताल में कुत्ते के […]
राजधानी में बढ़ रहे कुत्ताें के काटने के मामले
पटना : शहर में कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता ही जा रहा है. इनके काटने के बाद होनेवाले रैबीज से बचाने वाले एंटी रैबीज इंजेक्शन की सरकारी अस्पतालों में कमी हो गयी है. सबसे अधिक परेशानी पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में है.
अस्पताल में कुत्ते के काटने की शिकायत लेकर प्रतिदिन करीब 60 से 70 मरीज आ रहे हैं. लेकिन जिम्मेदार विभाग महज 20 से 25 मरीजों को ही इंजेक्शन दे पा रहा है. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि आपूर्ति कम होने के चलते परेशानी हो गयी है. एक सप्ताह के अंदर सभी मरीजों को इंजेक्शन लगना शुरू हो जायेगा व यहां की किल्लत दूर हो जायेगी.
ग्रामीण इलाके से अधिक आ रहे मरीज : गर्मी में कुत्ते के काटने की संख्या में इजाफा हो जाता है. अन्य मौसम की तुलना में गर्मी में दोगुने मरीज अस्पताल में पहुंचते हैं. सबसे अधिक परेशानी ग्रामीण इलाकों में हो रही है.
पटना जिले के ग्रामीण इलाकों में इस तरह के केस अधिक सामने आ रहे हैं. लेकिन आसपास के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र इंजेक्शन के अभाव में मरीजों को सीधे पीएमसीएच रेफर कर देते हैं. मजबूरी में मरीज पीएमसीएच आते हैं या फिर पास के ही प्राइवेट दुकानों से इंजेक्शन लगवा लेते हैं. .
गरीबों की जान पर आफत : गरीब लोग मुफ्त इंजेक्शन की उम्मीद में सरकारी अस्पताल पहुंच रहे हैं. लेकिन कुछ मरीजों को तो इंजेक्शन मिल जाता है, लेकिन आधे से अधिक मरीजों को निराश ही लौटना पड़ता है. फिलहाल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी जरूरत के आधे इंजेक्शन की बमुश्किल सप्लाई हो रही है.
नगर-निगम की ओर से आवारा कुत्तों को पकड़ने का अभियान लंबे समय से ठप है. शहर के गली-मोहल्लों में आवारा कुत्तों की संख्या तेजी से बढ़ रही है.
वहीं तेज गर्मी पड़ने से कुत्ते सड़क पर अधिक रहते हैं. अक्सर राहगीर उनके हमले का शिकार हो रहे हैं. सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार झा के मुताबिक सभी सरकारी अस्पतालों में एंटी रैबीज इंजेक्शन हैं. बीएमआईसीएल से सप्लाई भी हो रही है. वहीं जहां स्टॉक कम है, वहां आपूर्ति के निर्देश दिये गये हैं. जिन पीएचसी अस्पतालों में अधिक समस्या दिख रही है, वहां आपूर्ति सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है.
हिंसक होने के कारण
– अधिक गर्मी होने के कारण कुत्तों को बेचैनी
– आराम कर रहे कुत्तों से छेड़छाड़
– एक जगह कई कुत्तों का जमावड़ा
– खाना देते वक्त असुरक्षा के भय से कर रहे हमला
इसलिए बन रही समस्या
– मरीज बढ़ने के बावजूद अस्पतालों में इंजेक्शन का कोटा नहीं बढ़ा
– निगम द्वारा आवारा कुत्तों को नहीं पकड़ना और नसबंदी नहीं करना
– कुत्तों के लिए अस्पताल खोलने की योजना का ठंडे बस्ते में चले जाना
– बाजार में आसानी से इंजेक्शन उपलब्ध हो जाना
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement