पटना : राजधानी की आबोहवा में जहर घोल रहे अस्पतालों से लेकर होटलों तक पर शिकंजा कसना आसान नहीं होता. इसके अलावा अन्य इकाइयां भी धड़ल्ले से नियमों की अनदेखी कर रही हैं. बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद इन इकाइयों को सिर्फ नोटिस जारी करता है. इकाई को बंद कराने की चेतावनी बस दिखावा भर रह जाती है.
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नोटिस से आगे नहीं बढ़ पा रही है बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की कार्रवाई
पटना : राजधानी की आबोहवा में जहर घोल रहे अस्पतालों से लेकर होटलों तक पर शिकंजा कसना आसान नहीं होता. इसके अलावा अन्य इकाइयां भी धड़ल्ले से नियमों की अनदेखी कर रही हैं. बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद इन इकाइयों को सिर्फ नोटिस जारी करता है. इकाई को बंद कराने की चेतावनी बस दिखावा भर […]
जानकार तो यहां तक कहते हैं कि शायद ही ऐसी कोई कार्रवाई
हुई हो, जिसमें इकाई को बंद करा
दिया गया हो. पिछले ही दिनों
राजधानी के 14 अस्पतालों को नोटिस जारी किया गया है. आरोप है कि जीव चिकित्सा अपशिष्ट का प्रबंधन इन अस्पतालों ने ठीक से नहीं किया. राजधानी में हजारों अस्पताल हैं, पर नोटिस मात्र 14 को. क्या हम यह मान लें कि शेष सभी अस्पताल नियमों के तहत चल रहे हैं.
दी गयी थी चेतावनी
बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने जीव चिकित्सा अपशिष्ट का सही ढंग से प्रबंधन नहीं करने, ईटीपी की व्यवस्था नहीं किये जाने, ईटीपी का सही तरीके से नियमित संचालन नहीं करने, पर्षद की बगैर सहमति-प्राधिकार के संचालित 14 अस्पतालों को नोटिस (प्रोपोस्ड क्लोजर डायरेक्शन) जारी किया गया था. इसमें चेतावनी दी गयी थी कि नियमों की अवहेलना को देखते हुए क्यों न इन्हें बंद करा दिया जाये. वहीं आठ अस्पतालों को जीव चिकित्सा अपशिष्ट के सही प्रबंधन में सुधार के लिए एक मौका देते हुए पर्षद की ओर से निर्देश जारी किये गये थे.
बड़े अस्पताल शामिल
शेखपुरा बेली रोड का आरोही हॉस्पिटल, सत्यम हॉस्पिटल, राजा बाजार का रई नर्सिंग होम, न्यू मैक्स केयर हॉस्पिटल, गेट वेल हॉस्पिटल, ईस्ट सदाकत आश्रम का महावीर वात्सल्य अस्पताल, कंकड़बाग का महावीर आरोग्य संस्थान, पाटलिपुत्र डिवाइन हॉस्पिटल प्रा लि, श्री राम हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, चाणक्य हॉस्पिटल, खजांची रोड का अनुपमा हॉस्पिटल, अशोक राजपथ का पॉपुलर नर्सिंग होम, राजेंद्र नगर का राजेंद्र हॉस्पिटल और पश्चिमी बेली रोड रूपसपुर आरओबी के पास अटलांटिस सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल को नियमों की अनदेखी के लिए नोटिस जारी किया जा चुका है.
बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के जनसंपर्क अधिकारी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि जीव चिकित्सा अपशिष्ट के सही प्रबंधन के लिए आठ इकाइयों को आवश्यक सुधार के लिए निर्देश जारी किये गये हैं. इनमें फुलवारीशरीफ के महावीर कैंसर संस्थान, एसपी वर्मा रोड के रूबन इमरजेंसी हॉस्पिटल, कुर्जी का कुर्जी होली फैमिली हॉस्पिटल, कंकड़बाग का जीवक हार्ट हॉस्पिटल, अशोक राजपथ का अरविंद हॉस्पिटल, बाजार समिति के निकट के रामरतन हॉस्पिटल, भागलपुर का सिनर्जी वेस्ट मैनेजमेंट प्रा लि एवं राजेंद्र नगर पटना का मेडिका मगध हॉस्पिटल शामिल हैं.
नहीं सुधर रहे
बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की ओर से होटल एवं बैंक्वेट हॉल की स्थापना के लिए जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के तहत स्थापनार्थ सहमति प्राप्त करना, ठोस कचरों के समुचित निबटान की व्यवस्था नहीं करना आदि को लेकर कई बार चेतावनी दी जा चुकी है.
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