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पटना : अब जुलाई से ही शुरू होगा नये विश्वविद्यालयों में शैक्षिक सत्र, नये और पुराने विवि के बीच का विवाद खत्म
पटना : बिहार की तीनों नयी यूनिवर्सिटी, पाटलिपुत्र-मुंगेर-पूर्णिया में इसी जुलाई से शैक्षिक सत्र शुरू होगा. नये विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा भी करायेंगे लेकिन नया नियम बनने तक पुरानी यूनिवर्सिटी के ही कानून का पालन करना होगा.कुलाधिपति सत्यपाल मलिक के इस दिशा-निर्देश के बाद शैक्षिक अधिकार को लेकर नयी और पुरानी यूनिवर्सिटी के बीच का विवाद […]
पटना : बिहार की तीनों नयी यूनिवर्सिटी, पाटलिपुत्र-मुंगेर-पूर्णिया में इसी जुलाई से शैक्षिक सत्र शुरू होगा. नये विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा भी करायेंगे लेकिन नया नियम बनने तक पुरानी यूनिवर्सिटी के ही कानून का पालन करना होगा.कुलाधिपति सत्यपाल मलिक के इस दिशा-निर्देश के बाद शैक्षिक अधिकार को लेकर नयी और पुरानी यूनिवर्सिटी के बीच का विवाद खत्म हो गया है.
राजभवन में अतिरिक्त सचिव विजय कुमार ने बुधवार को मगध विवि गया, पाटलिपुत्र विवि पटना, टीएमबीयू भागलपुर विवि, मुंगेर विवि, बीएन मंडल विवि मधेपुरा और पूर्णिया विवि के कुलपति को कुलाधिपति की ओर से पत्र जारी कर दिया. लंबित परीक्षा को लेकर कुलाधिपति द्वारा जो कमेटी गठित की गई थी, उसकी सिफारिशों के आधार पर गाइड लाइन जारी की गयी है.
मातृ यूनिवर्सिटी के नियम-कानून के आधार पर करेंगी कार्य : तीनों नयी यूनिवर्सिटी, पाटलिपुत्र-मुंगेर-पूर्णिया को इसी जुलाई से सत्र शुरू करना होगा और परीक्षा कंडक्ट करानी होंगी. तीनों नयी यूनिवर्सिटी जब तक अपने कानून नहीं बना लेतीं, वह मातृ यूनिवर्सिटी के नियम-कानून के आधार पर अपने कार्य का निस्तारण करेंगी.
विद्यार्थियों का नहीं होगा स्थानांतरण
कुलाधिपति ने स्पष्ट कर दिया है कि नयी और पुरानी यूनिवर्सिटी के बीच विद्यार्थियों का बंटवारा नहीं हाेगा. जो विद्यार्थी जिस विवि में रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं अथवा जहां पढ़ रहे हैं, उसी विवि के रहेंगे.
नयी यूनिवर्सिटी के अधिकार क्षेत्र वाले कॉलेजों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को लेकर मातृ विवि और नयी यूनिवर्सिटी के बीच यह विवाद जैसी स्थिति थी. कुलाधिपति का स्पष्ट आदेश है कि ऐसे विद्यार्थियों को जब तक डिग्री नहीं मिल जाती, वह पुराने विवि के ही छात्र रहेंगे.
नया विवि उनकी कक्षा और परीक्षा की जिम्मेदारी निभायेगा. इसे ऐसे समझा जा सकता है कि मगध विवि के 19 कॉलेज पाटलिपुत्र विवि के अधिकार क्षेत्र में आ गये हैं. इनमें अध्ययनरत विद्यार्थियों की शिक्षा और परीक्षा की जिम्मेदारी तो पाटलिपुत्र विवि निभायेगा लेकिन डिग्री मगध विवि की ओर से दी जायेगी.
कुलाधिपति के पत्र के बाद कहीं कोई शंका नहीं रही है. पत्र में किस का क्या दायित्व है और नये विवि को कैसे जुलाई से अपना सत्र संचालित करना है, स्पष्ट है. हम कुलाधिपति की मंशा के अनुरूप बेहतर शिक्षा देने का प्रयास करेंगे.
डॉ रंजीत वर्मा, कुलपति, मुंगेर विवि
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