पटना : सीसीटीवी मॉनीटरिंग से ऐसे वाहनाें का ई-चालान काटा जा रहा है, जो यातायात नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं. कुछ वाहन सवारों पर तो इसका असर दिखने लगा है. हालांकि कई लोग अब भी इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. खासकर वैसे बाइक या चार पहिया वाहन सवार, जिनके वाहन प्रदेश के किसी दूसरे जिले या बिहार के बाहर पंजीकृत हैं. उनका मानना है कि स्थानीय डीटीओ कार्यालय में उनके वाहन पंजीकरण नंबर उपलब्ध नहीं होने से नंबर के आधार पर ढूंढ़ना और कार्रवाई करना संभव नहीं है. हालांकि परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल और ट्रैफिक एसपी पीएन मिश्रा ने
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बिहार के बाहर के रजिस्टर्ड वाहन भी नहीं बचेंगे ई-चालान से
पटना : सीसीटीवी मॉनीटरिंग से ऐसे वाहनाें का ई-चालान काटा जा रहा है, जो यातायात नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं. कुछ वाहन सवारों पर तो इसका असर दिखने लगा है. हालांकि कई लोग अब भी इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. खासकर वैसे बाइक या चार पहिया वाहन सवार, जिनके वाहन प्रदेश […]
ऐसी मान्यता को सिरे से खारिज करते हुए स्पष्ट कहा कि एम परिवहन एप की मदद से नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन मालिकों का नाम, पता मालूम किया जाता है और दर्ज
मोबाइल नंबर पर एसएमएस या पता पर डाक से चालान की रसीद भेजी जाती है. एम परिवहन ऐप में प्रदेश के विभिन्न जिले ही नहीं बल्कि पूरे देश के पिछले 15 वर्षों के वाहन पंजीकरण के आंकड़े दर्ज हैं.
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