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शुरू होगी कुसुम योजना, किसानों को मिलेंगे 27.5 लाख सोलर पंप सेट

केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग में दी जानकारी पटना : देश भर के किसानों के लिए खुशखबरी है. उनके लिए इस साल जुलाई से केंद्र सरकार एक नयी योजना शुरू करने जा रही है. इसका नाम कुसुम योजना है. इसके तहत पहले चरण में देश भर में 27.5 लाख सोलर पंप सेट दिये जायेंगे. […]

केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग में दी जानकारी
पटना : देश भर के किसानों के लिए खुशखबरी है. उनके लिए इस साल जुलाई से केंद्र सरकार एक नयी योजना शुरू करने जा रही है. इसका नाम कुसुम योजना है.
इसके तहत पहले चरण में देश भर में 27.5 लाख सोलर पंप सेट दिये जायेंगे. जिन जगहों पर पावर ग्रिड नहीं है, वहां 17.5 लाख सोलर पंप सेट दिये जायेंगे. साथ ही जिन जगहों पर पावर ग्रिड है, वहां 10 लाख पंप सेट दिये जायेंगे. यह जानकारी मंगलवार को केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आरके सिंह ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के दौरान दी. इसका आयोजन दिल्ली के अलावा सात राज्यों के मीडिया प्रतिनिधियों के साथ किया गया था. इसमें बिहार, असम, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और आंध्र प्रदेश शामिल हैं. इस दौरान उनके साथ पीआईबी के चीफ डायरेक्टर जनरल सितांशु कर, एके भल्ला और आनंद कुमार मौजूद रहे.
मंत्री ने कहा कि कुसुम योजना में अभी किसी भी राज्य का कोटा तय नहीं किया गया है. इसमें राज्यों से की जाने वाली मांग के आधार पर सोलर पंप सेट का आवंटन किया जायेगा. उन्होंने कहा कि इस योजना में सोलर प्लांट लगाने के लिए भी किसानों को प्रोत्साहित किया जायेगा. इसके तहत कोई भी किसान अपनी बंजर या अनुपयोगी जमीन पर दो मेगावाट तक का छोटा सोलर प्लांट लगा सकता है. उससे उत्पादित बिजली की खपत की व्यवस्था सब स्टेशन पर की जायेगी. इससे किसानों की आय भी बढ़ेगी.
अलग कृषि फीडर के लिए बिहार को मिले 5856 करोड़
मंत्री ने कहा कि डीजल के इस्तेमाल से खेती बहुत महंगी पड़ती है. इसलिए खेती में बिजली के इस्तेमाल के लिए अलग कृषि फीडर की व्यवस्था के लिए देश भर में 15000 करोड़ रुपये दिये गये हैं.
इसमें से बिहार के लिए दीनदयाल ज्योति योजना के तहत 5856 करोड़ रुपये दिये गये हैं. इस संबंध में बिहार के ऊर्जा मंत्री और विभाग के प्रधान सचिव ने उन्हें बताया है कि इस योजना पर भी काम शुरू हो चुका है. उन्होंने कहा कि नयी टैरिफ पॉलिसी में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के मकसद से लोड शेडिंग पर पेनाल्टी का भी प्रावधान किया गया है. यह पेनाल्टी कितनी होगी, यह तय करने की जिम्मेदारी रेगुलेटरी पर छोड़ दी गयी है.
एटीसी लॉस कम करने पर बल
एटीसी लॉस की कम करने की योजना पर आरके सिंह ने कहा कि बिजली चोरी रोकना सरकार की प्राथमिकता है. 31 मार्च 2019 के बाद नयी टैरिफ पॉलिसी लायी जायेगी. इसके तहत सभी राज्यों से पूछा जायेगा कि एटीसी लॉस का स्तर घटाकर 15 फीसदी तक कैसे करेंगे? जिन राज्यों में ऐसा नहीं हो सकेगा, वहां इसे टैरिफ में शामिल नहीं किया जायेगा. साथ ही इसका खर्च वहन उन राज्यों को ही करना होगा. वर्ष 2017-18 में एटीसी लॉस घटकर 18.9 फीसदी रह गया है.

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