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पॉक्सो एक्ट में दोषियों को कारावास-जुर्माना
पटना : पॉक्सो के विशेष जज रविंद्र नाथ त्रिपाठी की अदालत ने एक मामले में अभियुक्त रंजीत यादव उर्फ डगरा व मो इम्तियाज को धारा 366(ए) आईपीसी के तहत पांच साल सश्रम कारावास व 5000 रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी. अभियुक्त रंजीत यादव को धारा-4 पाॅक्सो एक्ट में भी दस साल के सश्रम कारावास तथा […]
पटना : पॉक्सो के विशेष जज रविंद्र नाथ त्रिपाठी की अदालत ने एक मामले में अभियुक्त रंजीत यादव उर्फ डगरा व मो इम्तियाज को धारा 366(ए) आईपीसी के तहत पांच साल सश्रम कारावास व 5000 रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी. अभियुक्त रंजीत यादव को धारा-4 पाॅक्सो एक्ट में भी दस साल के सश्रम कारावास तथा रुपये 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा भी सुनायी. अर्थदंड का राशि नहीं देने पर छह माह अतिरिक्त सजा भी काटनी होगी.
मामले की सूचक गायत्री देवी ने दोनों के खिलाफ बाढ़ थाने में मामला दर्ज कराया था. बताया गया था कि 26 अगस्त, 2013 की रात करीब 8:00 बजे जब सूचक की बेटी (पीड़िता) चाय की दुकान पर खाना पहुंचा कर वापस अपने घर लौट रही थी, तभी रास्ते से उसका अपहरण कर लिया गया.
इसकी सूचना गायत्री देवी ने स्थानीय थाने में दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी. बाद में वरीय पुलिस अधीक्षक के आदेश पर बाढ़ थाने में कांड संख्या 269/2013 दर्ज किया गया. अनुसंधान के बाद चार्ज शीट दाखिल किया गाया, जिसके बाद अपार मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, बाढ़ ने संज्ञान लेते हुए मामले को विशेष अदालत में सुनवाई के लिए भेज दिया था. गवाही व धारा 164 सीआरपीसी के तहत पीड़िता का बयान दर्ज किये जाने के बाद अदालत ने अभियुक्तों पर लगे आरोप को सत्य पाया.
इसके बाद विशेष जज रविंद्र नाथ त्रिपाठी ने अभियुक्तों को 29 मई को दोषी करार दिया था. विशेष जज ने मामले में पीड़िता को बाल संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 7(2) के तहत तीन लाख रुपये अंतरिम प्रतिकर के रूप में राशि देने का आदेश दिया.
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