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सुरक्षित घाटों से होगा नाव का परिचालन
पटना : राज्य की नदियों में नाव परिचालन को सुरक्षित बनाने के लिए अब सुरक्षित घाटों से ही नाव का परिचालन होगा. इसके लिए सभी डीएम को घाटों को बरसात के पहले चिह्नित करने के लिए कहा गया है. ताकि असुरक्षित घाटों से नाव का परिचालन नहीं हो. बरसात के मौसम में कई अस्थायी घाटों […]
पटना : राज्य की नदियों में नाव परिचालन को सुरक्षित बनाने के लिए अब सुरक्षित घाटों से ही नाव का परिचालन होगा. इसके लिए सभी डीएम को घाटों को बरसात के पहले चिह्नित करने के लिए कहा गया है. ताकि असुरक्षित घाटों से नाव का परिचालन नहीं हो.
बरसात के मौसम में कई अस्थायी घाटों से नाव का परिचालन होता है. ऐसी स्थिति में ऐसे घाटों का चयन व उसका नियंत्रण आवश्यक है. नाव में यात्रियों की सुरक्षा को लेकर उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने को कहा गया है. परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने नावों के सुरक्षित परिचालन को लेकर आवश्यक निर्देश जारी किये हैं.
निर्देश में कहा गया है कि नदी किनारे रहने वालों को आवागमन का साधन नाव ही होता है. इसलिए बारहमासी नदियों में नाव परिचालन को सुरक्षित बनान, बरसात व बाढ़ के दौरान भी सुरक्षित नावों का परिचालन को लेकर पहले से अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है. अवैध तरीके से नावों का परिचालन होने पर प्रमंडलीय आयुक्त की मंजूरी से डीएम लाइसेंस भी रद्द कर सकते हैं.
सुरक्षित परिचालन के लिए स्पष्ट प्रावधान है कि नावों में क्षमता से अधिक लोगों को नहीं सवार किया जाए. यात्रियों के साथ नाव में पशु को नहीं रखा जाये. अगर नाव में किसी यात्री के साथ पशु हो तो नाव चलानेवाले के साथ पशु व उसके मालिक को सफर करने की अनुमति मिलेगी. नाव पर जीवनरक्षक आवश्यक उपकरण रखना अनिवार्य होगा.
किसी भी सूरत में ओवरलोडिंग नाव का परिचालन नहीं होना चाहिए. विभाग द्वारा कहा गया है कि घाटों की बंदोबस्ती राजस्व व भूमि सुधार विभाग से करायी जाए. विशेष अभियान चलाकर नावों का निबंधन कराया जाय. नावों के सर्वेक्षण का कार्य कराने के लिए सर्वेयर की संख्या बढ़ाने जाने पर बल दिया गया.
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