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बिहार : राजधानी में 3200-4000 रुपये में मिल रहा सौ सीएफटी बालू

पटना : खान एवं भूतत्व विभाग के मंत्री बिनोद कुमार सिंह ने दावा किया है कि इस समय पटना में सौ सीएफटी बालू 3200 से 4000 रुपये तक में मिल रहा है. जिन जिलों में बालू घाट हैं, वहां करीब-करीब यही दर है. वहां से अन्य जिलों में बालू ले जाने के कारण ढुलाई का […]

पटना : खान एवं भूतत्व विभाग के मंत्री बिनोद कुमार सिंह ने दावा किया है कि इस समय पटना में सौ सीएफटी बालू 3200 से 4000 रुपये तक में मिल रहा है.
जिन जिलों में बालू घाट हैं, वहां करीब-करीब यही दर है. वहां से अन्य जिलों में बालू ले जाने के कारण ढुलाई का भाड़ा लगता है जिससे कीमत में थोड़ी बढ़ोतरी हो जाती है. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों बालू संकट के कारण सरकार को राजस्व की कोई क्षति नहीं हुई.
बिहार से मजदूरों का पलायन भी नहीं हुआ है. किसी भी विभाग का कोई भी काम बाधित नहीं हुआ. वे बुधवार को पत्रकार वार्ता में यह जानकारी दे रहे थे. मंत्री ने कहा कि अवैध खनन रोकने के लिए साल 2017 में नयी नियमावली का गठन किया गया था. हाईकोर्ट के आदेश के बाद इसे स्थगित कर दिया गया. वर्ष 1972 की पुरानी नियमावली से काम शुरू किया गया. वर्ष 2017-18 में अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई की गयी.
इस दौरान 11801 छापेमारी हुई, िजसमें 2692 प्राथमिकी दर्ज की गयी. 2889 आरोपितों की गिरफ्तारी की गयी और अर्थदंड के रूप में 833.66 लाख रुपये की वसूली की गयी. इस मौके पर प्रधान सचिव अतुल प्रसाद, निदेशक असंगबा चुबा आओ, विशेष सचिव अरुण प्रकाश सहित विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद रहे.
खान एवं भूतत्व विभाग के मंत्री का दावा
मंत्री ने कहा कि वर्ष 2017-18 में 1350 करोड़ राजस्व वसूली का लक्ष्य था. विभाग ने 1002.02 करोड़ रुपये की राजस्व वसूली की, जबकि वर्ष 2016-17 में 994.10 करोड़ रुपये राजस्व वसूली हुई थी.
ऐसे में राजस्व वसूली की गति धीमी रहने के बारे में पूछे जाने पर प्रधान सचिव अतुल प्रसाद ने कहा कि कुछ कमियां हैं, इन्हें वर्ष 2018-19 में दूर कर लिया जायेगा. इस वर्ष में 1600 करोड़ रुपये की राजस्व वसूली का लक्ष्य है.
आठ जून से नहीं चलेंगे बिना जीपीएस लगे वाहन : विभाग के प्रधान सचिव अतुल प्रसाद ने कहा कि बालू-गिट्टी और मिट्टी की ढुलाई करने वाले वाहनों को जीपीएस लगवाना अनिवार्य है. बिना जीपीएस लगे वाहन आठ जून से इन लघु खनिजों की ढुलाई नहीं कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि अब जीपीएस को हार्ड वायर के माध्यम से गाड़ी में लगाया जायेगा.
साथ ही बालू घाटों की जियो फेंसिंग की जायेगी. जब जीपीएस वाले वाहन इन बालू घाटों में प्रवेश करेंगे और वहां से निकलेंगे तो विभाग द्वारा इस काम की देखरेख करने वालों को जानकारी मिल जायेगी. इसका मकसद वाहनों पर खनन के अवैध कारोबार पर निगरानी और लघु खनिजों की ओवरलोडिंग रोकनी है.

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